दिल्ली पुलिस ने आवासीय धोखाधड़ी मामले में एक निदेशक को गिरफ्तार किया
दिल्ली पुलिस की कार्रवाई
दिल्ली पुलिस ने राजस्थान में एक आवासीय परियोजना के नाम पर 30 से अधिक निवेशकों से लगभग 2.3 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में एक निजी अवसंरचना कंपनी के निदेशक को गिरफ्तार किया है। यह जानकारी एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को दी।
आरोपी की पहचान
पुलिस के अनुसार, आरोपी का नाम योगेश शर्मा है, जो नोएडा का निवासी है और ‘मैसर्स बिग बुल इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड’ का निदेशक है। उसे नोएडा से गिरफ्तार किया गया। पिछले साल, दिल्ली की एक अदालत ने उसे धोखाधड़ी के एक मामले में पेश न होने के कारण भगोड़ा घोषित कर दिया था।
धोखाधड़ी का तरीका
आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) के पुलिस उपायुक्त रवि कुमार सिंह ने बताया कि शर्मा और उसके सहयोगियों ने जयपुर-दिल्ली राजमार्ग पर चंदवाजी में 'बिग बुल आशियाना' नामक आवासीय परियोजना का 'प्री-लॉन्च' किया। उन्होंने निवेशकों को भारी मुनाफा और निश्चित रूप से प्लॉट देने का झांसा दिया।
आरोपी का फरार होना
पुलिस के अनुसार, करोड़ों रुपये इकट्ठा करने के बाद आरोपी ने अपना दफ्तर बंद कर दिया और फरार हो गया। वह लगातार दफ्तर का पता बदलता रहा ताकि निवेशकों और कानून प्रवर्तन से बच सके।
कानूनी कार्रवाई
अधिकारी ने बताया कि दिल्ली, जयपुर और नोएडा में शर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक विश्वासघात से संबंधित कई प्राथमिकी दर्ज हैं। इनमें जयपुर के पनियाला थाना, नोएडा के सेक्टर-20 थाना और दिल्ली के राजौरी गार्डन थाना की प्राथमिकियां शामिल हैं।
जांच की प्रक्रिया
शर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और जालसाजी की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने बताया कि अन्य पीड़ितों की पहचान और पैसे की लेन-देन की जांच की जा रही है।