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दिल्ली धमाकों में डॉ. शाहीन का आतंकवादी नेटवर्क: वुल्फ कोड का रहस्य

दिल्ली में हुए हालिया धमाकों में डॉ. शाहीन का वुल्फ कोड और आतंकवादी नेटवर्क की सच्चाई सामने आई है। जांच में पता चला है कि डॉ. शाहीन, जो दिन में डॉक्टर थीं, रात में आतंकवादी गतिविधियों में शामिल थीं। उनका संबंध पाकिस्तान से जुड़े आतंकियों से था, और उन्होंने भारत में दहशत फैलाने की साजिश रची। जानें इस रिपोर्ट में कैसे वुल्फ कोड का इस्तेमाल किया गया और डॉ. शाहीन का असली मकसद क्या था।
 

डॉ. शाहीन का वुल्फ कोड और आतंक की साजिश


दिल्ली में हुए हालिया धमाकों में वुल्फ कोड ने जांच एजेंसियों को चौंका दिया है, जिसका संबंध पाकिस्तान से है। मुनीर ने अपने आतंकियों को भारत में दहशत फैलाने की खुली छूट दी है, और इस साजिश के पीछे डॉ. शाहीन का हाथ है।


NIA की जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि डॉ. शाहीन का WOLF PACK ग्रुप रात में सक्रिय होता था, जब आतंकियों की बैठकें होती थीं। यह ग्रुप पाकिस्तान से आए कोडेड संदेशों पर काम करता था।


डॉ. शाहीन सईद, जो इस ग्रुप की लीडर हैं, जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ी हुई हैं और धमाकों की साजिश रच रही थीं। जानिए इस रिपोर्ट में दिल्ली धमाकों के वुल्फ मॉडल के बारे में।


आतंकवादी कोड का खुलासा

10 नवंबर को दिल्ली में हुए धमाकों की जांच में चौंकाने वाली जानकारियाँ सामने आई हैं। डॉ. शाहीन, जो दिन में डॉक्टर बनकर काम करती थीं, रात में आतंक की दुनिया में सक्रिय हो जाती थीं।


यह समय 'वुल्फ आवर' के नाम से जाना जाता है, जब आतंकवादी गतिविधियाँ बढ़ जाती हैं। डॉ. शाहीन और उनकी टीम इस समय बड़े हमलों की योजना बना रही थीं।


जांच एजेंसियों को मिले चैटबॉक्स से पता चला है कि डॉ. शाहीन का नेटवर्क 'Wolf hour' में सक्रिय होता था, जिसमें वे आतंकवादी गतिविधियों पर चर्चा करती थीं।


चौंकाने वाली जानकारी

जांच में यह भी सामने आया है कि डॉ. शाहीन ने अपने ग्रुप का नाम WOLF PACK रखा था, और वे 'howl' कोड के जरिए बातचीत करती थीं।


पाकिस्तान से कोडेड संदेश भेजे जाते थे, जो आतंकवादी साजिशों को अंजाम देने के निर्देश देते थे। डॉ. शाहीन का सीधा संबंध जैश के प्रमुख मसूद अजहर से था।


शाहीन का लक्ष्य

डॉ. शाहीन जैश की महिला विंग की प्रमुख थीं, और उनका लक्ष्य भारत में महिलाओं को आतंकवादी गतिविधियों में शामिल करना था।


उनका संबंध मसूद अजहर की बहन और भतीजे से था, जो उन्हें निर्देश देते थे। शाहीन को महिलाओं का ब्रेनवॉश करने का कार्य सौंपा गया था।


क्या शाहीन ने पाकिस्तान में ट्रेनिंग ली?

शाहीन के रिकॉर्ड से पता चलता है कि वह कट्टरपंथियों के संपर्क में थी और संभवतः पाकिस्तान में आतंकवादी ट्रेनिंग भी ली।


वह 2009 से 2013 तक कट्टरपंथियों के संपर्क में रही और 2016 से 2018 के बीच UAE में काम कर रही थी, जहाँ वह जैश की महिला विंग से जुड़ी।