दिल्ली धमाके की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट: गंभीर चोटों के संकेत
दिल्ली में हुए भयानक धमाके की जानकारी
दिल्ली ब्लास्ट
दिल्ली के लाल किले के निकट हुए धमाके में जान गंवाने वाले 12 व्यक्तियों के पोस्टमॉर्टम में कई शवों में हड्डियों के टूटने और सिर पर चोट के निशान पाए गए हैं। इसके अलावा, कुछ शवों में फेफड़ों, कान और पेट में धमाके की लहर से हुए नुकसान के संकेत मिले हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह धमाका अत्यंत भयानक था। कई लोगों की मृत्यु का कारण गहरी चोटें और अत्यधिक रक्तस्राव है।
इसके साथ ही, क्रॉस इंजरी पैटर्न भी देखा गया है, जिसमें धमाके के झटके से लोग दीवारों या जमीन से टकरा गए। पोस्टमॉर्टम में शवों और कपड़ों पर स्प्लिंटर के निशान नहीं मिले हैं, लेकिन यह संकेत मिलता है कि संभवतः किसी संशोधित विस्फोटक का उपयोग किया गया था।
फॉरेंसिक जांच से होगा विस्फोटक का पता
विस्फोटक के रासायनिक तत्वों का पता फॉरेंसिक जांच से ही चलेगा। अधिकांश शवों में चोटें ऊपरी शरीर, सिर और छाती पर केंद्रित थीं। इस धमाके में 24 लोग घायल हुए हैं। यह धमाका 10 तारीख को शाम 6:52 बजे हुआ था।
इस मामले में उत्तर प्रदेश, दिल्ली, जम्मू कश्मीर और हरियाणा से 18 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। इस धमाके का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है।
सीसीटीवी फुटेज में दिखाया गया है कि सड़क पर गाड़ियां सामान्य रूप से चल रही थीं, तभी अचानक धमाका होता है। यह धमाका एक i20 कार में हुआ। जांच टीम ने कार के रूट का पता लगाने की कोशिश की, जो हरियाणा के बदरपुर बॉर्डर से दिल्ली में प्रवेश करती है। यह कार हरियाणा के फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी में भी खड़ी थी। मयूर विहार और सीपी में भी इसकी मौजूदगी थी। आतंकवादी मुजम्मिल से पूछताछ में पता चला है कि उसने और डॉक्टर उमर ने लाल किले की रेकी की थी।
पुलिस ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी से एक प्रोफेसर और टेक्नीशियन को पूछताछ के लिए गिरफ्तार किया है। इस मामले की जांच एनआईए को सौंप दी गई है।