दिल्ली धमाके की जांच में खतरनाक साजिश का खुलासा
खतरनाक साजिश का पर्दाफाश
लखनऊ: दिल्ली में हुए धमाके की जांच कर रही एजेंसियों को पूछताछ के दौरान एक गंभीर साजिश का पता चला है। जानकारी के अनुसार, गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने बताया कि वे 6 दिसंबर को देश के छह विभिन्न शहरों में एक साथ विस्फोट करने की योजना बना रहे थे। यह तारीख बाबरी मस्जिद के ढहने की बरसी है, और आरोपियों का इरादा 1992 की घटना का प्रतिशोध लेना बताया जा रहा है।
पूछताछ से मिली जानकारी
जांच टीमों को यह जानकारी मुख्य रूप से डॉक्टर शहीन शाहिद, उनके भाई डॉक्टर परवेज़ सईद अंसारी और डॉक्टर मुझम्मिल अहमद गणाई से मिली है। ये तीनों 10 नवंबर को दिल्ली में हुए विस्फोट के मामले में गिरफ्तार किए गए थे और जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े एक मॉड्यूल का हिस्सा माने जा रहे हैं। पूछताछ में यह सामने आया है कि यह समूह धन जुटाने और हमलों के लिए आवश्यक सामग्री की आपूर्ति करने की योजना बना रहा था।
अन्य संदिग्धों की गिरफ्तारी
इस मॉड्यूल के अन्य सदस्यों, जिनमें डॉक्टर अदील, मौलवी इरफान अहमद, आरिफ निसार डार, यासिर-उल-अशरफ, मकसूद अहमद और ज़मीर अहमद अहंगर शामिल हैं, को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। इनसे सुरक्षा एजेंसियों को संगठन की कार्यप्रणाली और वित्तीय नेटवर्क के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिली है।
गिरफ्तारियों की संख्या
जांच अधिकारियों ने बताया कि अब तक कुल नौ लोगों को यूपी, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर से गिरफ्तार किया जा चुका है। यूपी से तीन और संदिग्धों, डॉक्टर परवेज़ (लखनऊ), डॉक्टर आरिफ मीर (कानपुर) और डॉक्टर फारूक अहमद डार (हापुड़) को पूछताछ के लिए रोका गया है।
साजिश की योजना
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, इस मॉड्यूल ने पांच चरणों में एक बड़ी योजना बनाई थी। पहले चरण में संगठन की स्थापना की गई, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद और अंसार ग़ज़वतुल-हिंद के संपर्कों का उपयोग किया गया। दूसरे चरण में हरियाणा के नूंह और गुरुग्राम से सामग्री और गोला-बारूद जुटाया गया। तीसरे चरण में रासायनिक आधार पर आईईडी तैयार किए गए और संभावित स्थानों की रेकी की गई। चौथे चरण में इन बमों को विभिन्न सदस्यों के बीच बांटने की योजना थी, जबकि अंतिम चरण में सभी स्थानों पर एक साथ विस्फोट करना था।
हमले की तारीख में बदलाव
शुरुआत में यह हमला अगस्त 2025 में करने की योजना थी, लेकिन तैयारी में देरी के कारण इसे 6 दिसंबर के लिए निर्धारित किया गया। इसके साथ ही यह भी जांच की जा रही है कि क्या ये लोग 25 नवंबर को अयोध्या में प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान किसी समानांतर कार्रवाई की योजना बना रहे थे।
सुरक्षा बढ़ाई गई
हालांकि किन छह शहरों को निशाना बनाया जाना था, इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन संबंधित राज्यों की पुलिस को पहले ही सतर्क कर दिया गया है। इन क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है, गश्त तेज की गई है और संवेदनशील स्थानों पर अतिरिक्त चेकिंग शुरू कर दी गई है। यूपी एटीएस की एक टीम भी पूछताछ के लिए तैयार है ताकि इस नेटवर्क और संभावित खतरों की पूरी जानकारी सामने लाई जा सके।