×

दिल्ली दंगों के आरोपियों की जमानत याचिका पर पुलिस ने उठाए गंभीर सवाल

दिल्ली दंगों के आरोपियों उमर खालिद और शरजील इमाम की जमानत याचिका पर दिल्ली पुलिस ने गंभीर आरोप लगाए हैं। पुलिस ने 389 पन्नों का हलफनामा पेश करते हुए बताया कि आरोपियों ने सांप्रदायिक दंगों की साजिश रची थी। जानें पुलिस के द्वारा उठाए गए आठ प्रमुख बिंदुओं के बारे में, जिसमें सत्ता परिवर्तन की साजिश और चक्का जाम का असली मकसद शामिल है। क्या ये आरोप आरोपियों की जमानत पर असर डालेंगे? पूरी जानकारी के लिए पढ़ें।
 

दिल्ली पुलिस का हलफनामा


नई दिल्ली। दिल्ली दंगों के संदर्भ में आरोपी उमर खालिद, शरजील इमाम और अन्य द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर जमानत याचिका का विरोध करते हुए पुलिस ने कई महत्वपूर्ण दावे किए हैं। दिल्ली पुलिस ने 389 पन्नों का हलफनामा पेश करते हुए यह स्पष्ट किया है कि क्यों इन आरोपियों को जमानत नहीं मिलनी चाहिए। दस्तावेजी और तकनीकी सबूतों के आधार पर, पुलिस ने आरोप लगाया है कि पूरे देश में सांप्रदायिक दंगों की साजिश की गई थी। एक रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली पुलिस ने जमानत का विरोध करते हुए आठ प्रमुख आरोप लगाए हैं।

1. **सत्ता परिवर्तन की साजिश**: पुलिस ने कहा कि आरोपियों ने सांप्रदायिक सद्भाव को नष्ट करने के लिए साजिश रची थी, जिससे देश की एकता और संप्रभुता को खतरा था। उनका उद्देश्य केवल सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ना नहीं था, बल्कि सशस्त्र विद्रोह को भी बढ़ावा देना था। इस प्रकार की साजिश को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 'रिजीम चेंज ऑपरेशन' के रूप में जाना जाता है।

2. **ट्रंप के दौरे का समय चुना गया**: पुलिस ने कहा कि रिकॉर्ड में मौजूद चैट्स से यह स्पष्ट होता है कि यह साजिश जानबूझकर उस समय की गई जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत आने वाले थे। इसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय मीडिया का ध्यान आकर्षित करना और CAA को वैश्विक मुद्दा बनाना था।

3. **यूएपीए मामलों में जेल ही नियम है**: पुलिस ने यह भी कहा कि यूएपीए जैसे मामलों में 'जेल ही नियम' माना जाता है। अदालत ने कहा है कि आरोप प्रथम दृष्टया सही हैं और इन्हें गलत साबित करने की जिम्मेदारी याचिकाकर्ताओं पर है, जो वे नहीं कर सके।

4. **सुनवाई में देरी के लिए आरोपी जिम्मेदार**: पुलिस ने यह भी बताया कि हाई कोर्ट और विशेष अदालत ने पाया कि आरोपियों ने आरोप तय करने की प्रक्रिया में बाधाएं डालीं।

5. **गवाहों की संख्या पर विवाद**: पुलिस ने कहा कि 900 गवाहों के होने का दावा जमानत के लिए एक भ्रामक तर्क है। वास्तव में, रिकॉर्ड में लगभग 155 सार्वजनिक गवाह हैं।

6. **उमर खालिद ने याचिका वापस ली**: पुलिस ने बताया कि फरवरी 2024 में उमर खालिद ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी जमानत याचिका वापस ले ली थी, जिससे हाई कोर्ट का निष्कर्ष अंतिम हो गया।

7. **चक्का जाम का असली मकसद**: पुलिस के अनुसार, चक्का जाम का उद्देश्य गैर-मुसलमानों और पुलिसकर्मियों पर हमले को बढ़ावा देना था।

8. **व्हाट्सऐप ग्रुप और बैठकें**: पुलिस ने कहा कि एक व्हाट्सऐप ग्रुप बनाया गया था, जो फर्जी दस्तावेजों से संचालित होता था। इसके अलावा, 'मुस्लिम स्टूडेंट्स ऑफ JNU' नामक एक सांप्रदायिक ग्रुप भी बनाया गया था।