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दिल्ली टीचर्स यूनिवर्सिटी में मानसिक स्वास्थ्य पर कार्यशाला का आयोजन

दिल्ली टीचर्स यूनिवर्सिटी में 3 जून को मानसिक स्वास्थ्य और भावनात्मक सशक्तिकरण पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में डॉ. अमरेश श्रीवास्तव ने छात्रों और शिक्षकों को मानसिक स्वास्थ्य के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया। कार्यशाला का उद्देश्य तनाव और अवसाद से निपटने के लिए रणनीतियाँ प्रदान करना था। प्रतिभागियों को तनाव प्रबंधन, आत्म-संवेदना, और मनोवैज्ञानिक लचीलापन जैसी तकनीकों से परिचित कराया गया। कुलपति प्रोफेसर धनंजय जोशी ने इस कार्यशाला को विद्यार्थियों के विकास में सहायक बताया।
 

कार्यशाला का उद्देश्य और विषय

दिल्ली। दिल्ली टीचर्स यूनिवर्सिटी में 3 जून को मानसिक स्वास्थ्य और भावनात्मक सशक्तिकरण पर एक कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यक्रम में प्रमुख मनोचिकित्सक डॉ. अमरेश श्रीवास्तव ने छात्रों, शिक्षकों और शिक्षाविदों को मानसिक स्वास्थ्य के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया।


कार्यशाला का महत्व

इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों और छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य में सुधार लाना था, साथ ही तनाव और अवसाद से निपटने के लिए रणनीतियाँ प्रदान करना भी था।


डॉ. अमरेश श्रीवास्तव का संदेश

डॉ. अमरेश श्रीवास्तव ने अपने संबोधन में कहा, “आज के समय में मानसिक स्वास्थ्य को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। भावना और तर्क का संतुलन आवश्यक है। अपने जीवन के उद्देश्य के प्रति जागरूकता और मानसिक संतुलन ही एक सशक्त समाज की नींव हैं।”


प्रशिक्षण और तकनीकें

कार्यशाला में प्रतिभागियों को तनाव प्रबंधन, आत्म-संवेदना, मनोवैज्ञानिक लचीलापन, और सकारात्मक संवाद जैसी तकनीकों से परिचित कराया गया। इसके साथ ही ध्यान, आस्था, अध्यात्म और भावनात्मक अभिव्यक्ति के व्यावहारिक पहलुओं पर भी चर्चा की गई।


कुलपति का स्वागत

दिल्ली टीचर्स यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर धनंजय जोशी ने डॉ. श्रीवास्तव का स्वागत करते हुए कहा कि यह कार्यशाला न केवल शिक्षकों के लिए, बल्कि विद्यार्थियों के समग्र विकास में भी सहायक होगी।”


तनाव के कारणों की समीक्षा

डॉ. अमरेश श्रीवास्तव ने बताया कि तनाव के कारणों की पहचान करना तनावमुक्त रहने का पहला कदम है।


विश्वविद्यालय प्रशासन की प्रतिबद्धता

विश्वविद्यालय के कुलसचिव, डॉ संजीव राय ने डॉ. श्रीवास्तव का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि छात्रों में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता लाने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन सक्रिय है और इस विषय पर छात्रों की आवश्यकताओं के अनुसार कार्यक्रम आयोजित होते रहेंगे।


प्रतिभागियों की प्रतिक्रिया

कार्यशाला में विश्वविद्यालय के डॉ. सरोज मलिक, विभागाध्यक्ष, श्री प्रकाश पांडेय, वित्त नियंत्रक, अन्य शिक्षक, कर्मचारी, और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। सभी ने कार्यशाला को एक अत्यंत उपयोगी और प्रेरणादायक अनुभव बताया।