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दिल्ली के स्कूलों में आधुनिक शिक्षा प्रणाली का आगाज़

दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने राजधानी के स्कूलों में एक नई आधुनिक शिक्षा प्रणाली की शुरुआत की घोषणा की है। इस प्रणाली में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, स्मार्ट बोर्ड और रोबोटिक्स जैसी तकनीकों का समावेश होगा। सूद ने गुजरात के एक सरकारी स्कूल का दौरा किया, जहां उन्होंने स्मार्ट बोर्ड के उपयोग और छात्रों की प्रतिक्रिया का अवलोकन किया। उन्होंने बताया कि दिल्ली में सरकारी स्कूलों में स्मार्ट बोर्ड की संख्या सीमित है, जबकि गुजरात ने बड़ी संख्या में स्मार्ट कक्षाएं स्थापित की हैं। यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कार्यान्वयन के तहत की जा रही है।
 

दिल्ली में शिक्षा प्रणाली में बदलाव

दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने शनिवार को घोषणा की कि राजधानी के स्कूलों में एक आधुनिक शिक्षा प्रणाली जल्द ही लागू की जाएगी, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, स्मार्ट बोर्ड और रोबोटिक्स जैसी उन्नत तकनीकों का समावेश होगा।


गुजरात के सूरत शहर में एक सरकारी स्कूल का दौरा करते हुए मंत्री सूद ने विश्वास व्यक्त किया कि यह कदम न केवल दिल्ली के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करेगा, बल्कि छात्रों को नई तकनीकों के बारे में भी जानकारी प्रदान करेगा।


उन्होंने स्कूल के कई कक्षाओं का दौरा किया ताकि यह देख सकें कि स्मार्ट बोर्ड की मदद से अध्ययन कैसे किया जा रहा है। इसके साथ ही, उन्होंने छात्रों से बातचीत की ताकि यह जान सकें कि स्मार्ट बोर्ड उनके लिए कितने प्रभावी साबित हो रहे हैं और उन्हें किस प्रकार की शैक्षिक सहायता मिल रही है।


सरकार के बयान के अनुसार, मंत्री ने स्कूल के एआई और रोबोटिक्स लैब का भी निरीक्षण किया, जहां छात्रों ने ड्रोन, 3डी प्रिंटर और आधुनिक सेंसर आधारित सुरक्षा प्रणालियों जैसे विषयों पर व्यावहारिक परियोजनाएं प्रस्तुत कीं।


सूत्रों के अनुसार, दिल्ली, जो देश की राजधानी है और जहां सभी संसाधन उपलब्ध हैं, में सरकारी स्कूलों में केवल कुछ सौ स्मार्ट बोर्ड हैं। जबकि गुजरात, जो हर साल कई जिलों में बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं का सामना करता है, ने अब तक 1.1 लाख से अधिक स्मार्ट कक्षाएं स्थापित की हैं।


इस दौरे का उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कार्यान्वयन का अध्ययन करना और विभिन्न राज्यों में अपनाई गई उत्कृष्ट शैक्षिक पहलों का अवलोकन करना था। सूद ने कहा कि गुजरात द्वारा किए गए शैक्षिक सुधार अनुकरणीय हैं और देश के अन्य राज्यों को भी उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए।