दिल्ली के लाल किले में धमाका: चिदंबरम ने घरेलू आतंकवाद पर उठाए सवाल
दिल्ली के लाल किले में हुआ भयानक धमाका
बीते सोमवार को दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के निकट एक कार में हुए शक्तिशाली विस्फोट ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस धमाके में 12 लोगों की जान चली गई और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हुए।
यह घटना तब हुई जब कुछ घंटे पहले ही 3 डॉक्टरों सहित 8 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया था और 2,900 किलोग्राम विस्फोटक बरामद किए गए थे। इसके बाद जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद से जुड़े एक 'सफेदपोश आतंकवादी नेटवर्क' का खुलासा हुआ, जो कश्मीर से लेकर हरियाणा और उत्तर प्रदेश तक फैला हुआ था। इस 'वाइट कॉलर टेररिज्म' पर चिंता व्यक्त करते हुए पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम ने गंभीर सवाल उठाए हैं।
चिदंबरम का घरेलू आतंकवाद पर बयान
पी चिदंबरम ने बुधवार को दिल्ली में हुए धमाके और फरीदाबाद में विस्फोटकों की बरामदगी का जिक्र करते हुए घरेलू आतंकवाद की समस्या की ओर इशारा किया। कांग्रेस के इस वरिष्ठ नेता ने कहा कि देश को यह समझने की आवश्यकता है कि ऐसी कौन सी परिस्थितियाँ हैं जो शिक्षित नागरिकों को आतंकवाद की ओर धकेल रही हैं।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "पहलगाम आतंकी हमले से पहले और बाद में मैंने कहा था कि आतंकवादी दो प्रकार के होते हैं - विदेशी प्रशिक्षित घुसपैठिए और घरेलू आतंकवादी। मैंने संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान भी यही बात कही थी। घरेलू आतंकवादियों के संदर्भ में मेरा मजाक उड़ाया गया और मुझे ट्रोल किया गया।"
सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए
चिदंबरम ने आगे कहा, "सरकार ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है क्योंकि वह जानती है कि घरेलू आतंकवादी भी सक्रिय हैं। हमें खुद से यह सवाल करना चाहिए कि ऐसी कौन सी परिस्थितियाँ हैं जो भारतीय नागरिकों, यहां तक कि शिक्षित लोगों को भी आतंकवादी बना देती हैं।"
पहलगाम हमले पर विवाद
इससे पहले, इस साल की शुरुआत में चिदंबरम ने पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराने पर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा था, "जहां तक हमें पता है, वे स्थानीय आतंकवादी भी हो सकते हैं। आप यह क्यों मान रहे हैं कि वे पाकिस्तान से आए थे? इसका कोई सबूत नहीं है।"