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दिल्ली के लाल किले के पास विस्फोट: डॉक्टर उमर की पहचान और जांच की नई जानकारी

दिल्ली के लाल किले के पास हुए भयानक विस्फोट ने पूरे देश को हिला दिया है। जांच में डॉक्टर उमर की पहचान और उसके संदिग्ध गतिविधियों का खुलासा हुआ है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि विस्फोट की तीव्रता कितनी भयानक थी। पुलिस ने अल फलाह यूनिवर्सिटी और तुर्की हैंडलर के संबंधों की भी जांच शुरू कर दी है। जानें इस मामले में और क्या जानकारी सामने आई है।
 

दिल्ली में हुए भयानक विस्फोट की जांच

दिल्ली के लाल किले के निकट हुए विस्फोट ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। धमाके के तीन दिन बाद, पुलिस को 500 मीटर दूर एक गेट की छत पर एक कटा हुआ हाथ मिला है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से यह स्पष्ट हुआ है कि विस्फोट की तीव्रता इतनी अधिक थी कि पीड़ितों के आंतरिक अंग भी क्षतिग्रस्त हो गए। जांच में शामिल डॉक्टर उमर का DNA उसकी मां के साथ मेल खाता है, जिससे उसकी पहचान की पुष्टि हो गई है। अब जांच एजेंसियां अल फलाह यूनिवर्सिटी और तुर्की हैंडलर के संबंधों की भी जांच कर रही हैं।


धमाके के बाद की स्थिति

दिल्ली के लाल किला ब्लास्ट को तीन दिन हो चुके हैं, लेकिन इसके प्रभाव अभी भी महसूस किए जा रहे हैं। 10 नवंबर को हुए इस विस्फोट की तीव्रता इतनी अधिक थी कि उसके अवशेष अब भी इलाके में बिखरे पड़े हैं। मंगलवार को पुलिस ने घटना स्थल से लगभग 500 मीटर दूर एक बाजार के गेट की छत पर एक कटा हुआ हाथ पाया, जो विस्फोट की भयावहता को दर्शाता है।


पोस्टमार्टम रिपोर्ट से खुलासा

इस विस्फोट में अब तक 12 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। एम्स और एलएनजेपी अस्पताल में हुई पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने जांच एजेंसियों को चौंका दिया है। मृतकों की हड्डियां चटक गईं, सिर पर गहरे घाव मिले और कई शवों के आंतरिक अंग पूरी तरह से फट गए। रिपोर्ट में कहा गया है कि विस्फोट की लहरों ने शरीर के अंदर तक तबाही मचाई। डॉक्टरों के अनुसार, कई पीड़ितों के कान के पर्दे फटे और फेफड़ों में गंभीर आघात के निशान मिले हैं।


डॉक्टर उमर की पहचान

जांच एजेंसियों के लिए सबसे बड़ा सवाल था कि i20 कार चला कौन रहा था। अब इस रहस्य का पर्दाफाश हो चुका है। फॉरेंसिक जांच में कार के अंदर से मिली हड्डियों और दांतों के टुकड़ों का DNA, आरोपी डॉक्टर उमर नबी की मां के DNA से 100% मेल खाता है। यह पुष्टि करता है कि धमाके के समय कार चला रहा व्यक्ति उमर ही था।


उमर नबी का संदिग्ध इतिहास

सूत्रों के अनुसार, उमर नबी एक शिक्षित व्यक्ति था, जो फरीदाबाद की एक यूनिवर्सिटी से जुड़ा हुआ था। लेकिन हाल के वर्षों में उसकी गतिविधियाँ संदिग्ध हो गई थीं। परिवार को लगता था कि वह किसी निजी प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है, जबकि असल में वह आतंकी संगठन से जुड़ चुका था। एनआईए और दिल्ली पुलिस की जांच में यह बात भी सामने आई है कि उमर तुर्की में अपने हैंडलर से संपर्क में था।


CCTV फुटेज से खुलासा

CCTV फुटेज से यह भी पता चला है कि उमर नबी ब्लास्ट से पहले लगभग तीन घंटे तक लाल किले की पार्किंग में खड़ा रहा। वह 3:19 बजे पार्किंग में दाखिल हुआ और 6:28 बजे निकला, ठीक उसी समय धमाका हुआ। पुलिस का मानना है कि इसी दौरान उसने विस्फोटक को सक्रिय किया।


अल फलाह यूनिवर्सिटी पर जांच

फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल से जुड़े इस मामले में जांच का दायरा बढ़ा दिया गया है। NIA ने अल फलाह यूनिवर्सिटी से उमर नबी और उससे जुड़े अन्य दो डॉक्टरों के सभी दस्तावेज मांगे हैं। एजेंसियों ने यूनिवर्सिटी की जमीन के कागजात, ट्रस्ट फाइलें, और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज भी जब्त किए हैं।