दिल्ली के प्रमुख मंदिरों में नए साल का जश्न: श्रद्धालुओं की भारी भीड़
नए साल 2026 का स्वागत
नए साल की शुरुआत के साथ, दिल्ली में धार्मिक आस्था का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है। 31 दिसंबर की रात से लेकर 1 जनवरी की सुबह तक, राजधानी के प्रमुख मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ती है। लोग पिछले साल की कठिनाइयों को पीछे छोड़कर, नए साल का स्वागत ईश्वर के आशीर्वाद के साथ करना चाहते हैं। इस दौरान झंडेवालान मंदिर, छतरपुर मंदिर, कालकाजी, अक्षरधाम और बिड़ला मंदिर जैसे धार्मिक स्थलों पर विशेष भीड़ देखी जाती है।
झंडेवालान देवी मंदिर (करोल बाग)
करोल बाग में स्थित झंडेवालान मंदिर, दिल्ली के सबसे प्राचीन और पूजनीय मंदिरों में से एक है। नए साल के अवसर पर, भक्त सुबह 3 बजे से ही मंगला आरती में शामिल होने के लिए इकट्ठा होना शुरू कर देते हैं। मंदिर को फूलों और रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया जाता है, और भारी भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जाते हैं।
श्री मां कात्यायनी शक्तिपीठ (छतरपुर मंदिर)
दक्षिण दिल्ली में स्थित छतरपुर मंदिर अपनी भव्य वास्तुकला और विशाल परिसर के लिए प्रसिद्ध है। यह भारत के सबसे बड़े मंदिर परिसरों में से एक है। नए साल पर, दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न हिस्सों से लोग मां कात्यायनी का आशीर्वाद लेने आते हैं। मंदिर के विशाल प्रांगण में भीड़ प्रबंधन के लिए विशेष बैरिकेडिंग की जाती है।
कालकाजी मंदिर (नेहरू प्लेस)
मनोकामना सिद्धपीठ के रूप में प्रसिद्ध कालकाजी मंदिर में नए साल पर भक्तों की अपार श्रद्धा देखने को मिलती है। मान्यता है कि यहां मत्था टेकने से साल भर सुख-समृद्धि बनी रहती है।
स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर
यदि आप आध्यात्मिकता के साथ शांति और भव्यता का अनुभव करना चाहते हैं, तो अक्षरधाम मंदिर एक बेहतरीन विकल्प है। नए साल पर यहां हजारों श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं। यहां का वाटर शो और प्रदर्शनी देखने के लिए भी भारी भीड़ जुटती है। ध्यान रहे कि यहां मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लाना मना है।
बिड़ला मंदिर (लक्ष्मी नारायण मंदिर)
कनॉट प्लेस के निकट स्थित बिड़ला मंदिर नए साल पर श्रद्धालुओं का मुख्य केंद्र बनता है। भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को समर्पित यह मंदिर अपनी शांति और सुंदरता के लिए जाना जाता है। नए साल पर यहां विशेष पूजा और कीर्तन का आयोजन होता है, जिसमें विदेशी पर्यटक भी बड़ी संख्या में शामिल होते हैं।
श्रद्धालुओं के लिए सुझाव
जल्दी पहुंचें: भीड़ से बचने के लिए सुबह 5 से 7 बजे के बीच दर्शन करना सबसे अच्छा रहता है।
पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग: मंदिरों के पास पार्किंग की समस्या हो सकती है, इसलिए दिल्ली मेट्रो का उपयोग करना समझदारी होगी।