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दिल्ली के जंतर मंतर पर आत्महत्या: 45 वर्षीय लोकेश की दुखद कहानी

दिल्ली के जंतर मंतर पर 45 वर्षीय लोकेश ने आत्महत्या कर ली। वह अपनी बहन के लिए नौकरी की मांग कर रहे थे, लेकिन उनकी गुहार अनसुनी रह गई। जानें इस दुखद घटना के पीछे की कहानी और लोकेश के संघर्ष के बारे में।
 

जंतर मंतर पर आत्महत्या की घटना


सोमवार की सुबह, दिल्ली के जंतर मंतर पर एक व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली। उसने गेट पर खड़े होकर खुद को गोली मार ली। पुलिस ने तुरंत मृतक के शव को अस्पताल के शवगृह में भेज दिया और मामले की जांच शुरू कर दी। मृतक की पहचान मध्य प्रदेश के मुरैना निवासी 45 वर्षीय लोकेश के रूप में हुई है। उसके पास से एक कट्टा और मोबाइल फोन बरामद हुआ है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मृतक के परिवार को घटना की सूचना दे दी गई है और शव का पोस्टमार्टम परिवार के आने के बाद किया जाएगा। संसद मार्ग थाना पुलिस घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही है。

लोकेश ने आत्महत्या क्यों की?
जानकारी के अनुसार, लोकेश अविवाहित थे और मुरैना में अपने माता-पिता के साथ रहते थे। वह वहां एक जनरल स्टोर चलाते थे। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि लोकेश अपनी बहन के लिए मध्य प्रदेश के शिक्षा विभाग में अनुकंपा के आधार पर नौकरी की मांग कर रहे थे। पुलिस की जांच में पता चला कि 2019 में उनकी बहन के पति शिक्षा विभाग में सहायक कर्मचारी के पद पर कार्यरत थे, जिनकी ड्यूटी के दौरान मृत्यु हो गई थी। तब से लोकेश सरकारी विभागों में जाकर अपनी बहन को नौकरी दिलाने की गुहार लगा रहे थे। जब उनकी मांगें अनसुनी रहीं, तो वह मानसिक रूप से टूट गए और आत्महत्या कर ली।

जुलाई में भी किया था प्रदर्शन, लेकिन सुनवाई नहीं हुई
कहा जा रहा है कि लोकेश ने जुलाई में भी इसी मांग को लेकर जंतर मंतर पर धरना दिया था, लेकिन तब भी कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद, वह 9 नवंबर की रात को मध्य प्रदेश से सीधे दिल्ली आए और जंतर मंतर पहुंचे। सोमवार सुबह 8.40 बजे पुलिस को सूचना मिली कि एक व्यक्ति ने जंतर मंतर पर आत्महत्या कर ली है। पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की।