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दिल्ली की युवती ने कैदियों से बलात्कार के कारणों पर की चर्चा

दिल्ली की 26 वर्षीय मधुमिता पांडे ने तिहाड़ जेल में बलात्कार के आरोपियों का इंटरव्यू लिया है। उन्होंने 100 से अधिक कैदियों से बातचीत की और जानने की कोशिश की कि वे ऐसा क्यों करते हैं। मधुमिता का मानना है कि भारत में यौन शिक्षा की कमी और रुढ़िवादी सोच इस समस्या को बढ़ावा देती है। जानें उनके विचार और इस गंभीर मुद्दे पर उनका शोध।
 

युवती का अनोखा प्रयास


आजकल यौन हिंसा की घटनाएं सुनने में आम हो गई हैं। चाहे घर हो या सड़क, लड़के और लड़कियां दोनों ही कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं। ऐसे में एक युवती ने यह जानने की कोशिश की है कि आखिर ये अपराधी ऐसा क्यों करते हैं।


कैदियों का इंटरव्यू

मधुमिता पांडे, जो अब 26 साल की हैं, ने महज 22 साल की उम्र में दिल्ली के तिहाड़ जेल जाकर बलात्कार के आरोप में बंद कैदियों का इंटरव्यू लिया। पिछले तीन वर्षों में, उन्होंने 100 से अधिक कैदियों से बातचीत की, जो उनकी पीएचडी थीसिस का हिस्सा थी।


कैदियों के मन की स्थिति

मधुमिता का उद्देश्य यह जानना था कि जब कोई कैदी किसी महिला को शिकार बनाता है, तो उस समय उसके मन में क्या चल रहा होता है।


वह बताती हैं कि जेल में बंद इन कैदियों को यह एहसास नहीं होता कि उन्होंने कितनी गंभीर अपराध किया है।


रुढ़िवादी सोच का प्रभाव

मधुमिता ने इस विषय पर गहराई से अध्ययन करने के बाद कहा कि भारत एक रुढ़िवादी देश है, जहां बच्चों को यौन शिक्षा से वंचित रखा जाता है। माता-पिता भी इस विषय पर खुलकर बात नहीं करते। महिलाओं के प्रति कुंठित मानसिकता को खत्म करने के लिए यौन शिक्षा अत्यंत आवश्यक है।