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दिल्ली की नई मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता: किसकी राह पर चलेंगी?

दिल्ली को नया मुख्यमंत्री मिल गया है, रेखा गुप्ता ने 27 साल बाद बीजेपी के साथ सत्ता में वापसी की है। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने उन्हें शपथ दिलाई। रेखा के साथ छह मंत्रियों ने भी शपथ ली है। अब सवाल यह है कि वे किसकी राह पर चलेंगी - शीला दीक्षित की तरह विभागों का प्रबंधन करेंगी या अरविंद केजरीवाल की तरह बिना मंत्रालय के काम करेंगी? जानें उनके कार्यकाल की संभावनाएं और दिल्ली की राजनीतिक स्थिति के बारे में।
 

दिल्ली को मिला नया मुख्यमंत्री


दिल्ली को नया मुख्यमंत्री मिल गया है। 27 वर्षों के बाद, बीजेपी ने प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी की है और रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री बनाया गया है। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने उन्हें शपथ दिलाई। रेखा के साथ छह अन्य मंत्रियों ने भी शपथ ली है। दिल्ली की नई सरकार में परवेश वर्मा, मनजिंदर सिंह सिरसा, आशीष सूद, पंकज सिंह, कपिल मिश्रा और रविंदर इंद्रराज सिंह को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। अब मंत्रालयों के विभागों के बंटवारे की प्रक्रिया पर सभी की नजरें हैं।


किसकी राह पर चलेंगी रेखा गुप्ता?

दिल्ली की सत्ता की कमान रेखा गुप्ता के हाथ में आ गई है, लेकिन सवाल यह है कि वे शीला दीक्षित या अरविंद केजरीवाल में से किसकी नीति अपनाएंगी। शीला दीक्षित ने अपने कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण मंत्रालय अपने पास रखे थे, जबकि अरविंद केजरीवाल ने एक दशक से अधिक समय तक मुख्यमंत्री रहते हुए किसी भी विभाग की जिम्मेदारी नहीं ली।


दिल्ली की 9वीं मुख्यमंत्री

रेखा गुप्ता दिल्ली की राजनीतिक इतिहास में 9वीं मुख्यमंत्री बनी हैं। 1952 में पहली बार विधानसभा चुनाव हुए थे, जिसमें कांग्रेस के चौधरी ब्रह्म प्रकाश यादव पहले मुख्यमंत्री बने। इसके बाद कई बार मुख्यमंत्री बदले गए, जिसमें बीजेपी के मदनलाल खुराना और सुषमा स्वराज भी शामिल हैं। शीला दीक्षित ने 15 वर्षों तक मुख्यमंत्री रहते हुए सत्ता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।


शीला दीक्षित के महत्वपूर्ण मंत्रालय

शीला दीक्षित ने अपने कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों का जिम्मा संभाला, जैसे गृह, वित्त, कला संस्कृति, पर्यटन, योजना, पर्यावरण और सामान्य प्रशासन विभाग।


आतिशी का मंत्रालयों पर नियंत्रण

केजरीवाल की राजनीतिक विरासत को संभालने वाली आतिशी ने मुख्यमंत्री रहते हुए कई मंत्रालय अपने पास रखे, जैसे पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट, पावर, शिक्षा, उच्च शिक्षा, और जल।


रेखा गुप्ता का निर्णय

अब सभी की नजरें इस बात पर हैं कि रेखा गुप्ता किस प्रकार की नीति अपनाएंगी। क्या वे शीला दीक्षित की तरह विभागों की जिम्मेदारी लेंगी या फिर अरविंद केजरीवाल की तरह बिना मंत्रालय के काम करेंगी। बीजेपी के पिछले तीन मुख्यमंत्रियों ने मंत्रालयों का जिम्मा अपने पास रखा था, इसलिए उम्मीद की जा रही है कि रेखा गुप्ता भी ऐसा करेंगी।