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दिल्ली-एनसीआर में हरित पटाखों की अनुमति पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश सुरक्षित

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में हरित पटाखों के निर्माण और बिक्री से संबंधित याचिकाओं पर अपना आदेश सुरक्षित रखा है। मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई की पीठ ने विभिन्न पक्षों की दलीलें सुनने के बाद यह निर्णय लिया। केंद्र सरकार ने सभी हितधारकों से परामर्श के बाद रिपोर्ट पेश करने का आश्वासन दिया है। दिल्ली की मुख्यमंत्री ने हरित पटाखों पर छूट की मांग की है, यह कहते हुए कि दिवाली एक सांस्कृतिक पर्व है। जानें इस महत्वपूर्ण मामले के बारे में और क्या हो सकता है आगे।
 

सुप्रीम कोर्ट का निर्णय

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में हरित पटाखों के निर्माण और बिक्री से संबंधित याचिकाओं पर अपना निर्णय सुरक्षित रखा है। मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई और न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन की पीठ ने इस मामले में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता सहित विभिन्न पक्षों की दलीलें सुनने के बाद यह निर्णय लिया। मेहता ने अदालत से दीपावली, गुरु पर्व और क्रिसमस जैसे त्योहारों पर हरित पटाखों को फोड़ने की अनुमति देने का अनुरोध किया।


केंद्र सरकार की स्थिति

केंद्र सरकार ने अदालत से अतिरिक्त समय मांगा है, यह कहते हुए कि वह सभी संबंधित पक्षों से परामर्श के बाद एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। 26 सितंबर को, सुप्रीम कोर्ट ने नीरी (राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान) और पेसो (पेट्रोलियम एवं विस्फोटक सुरक्षा संगठन) द्वारा प्रमाणित हरित पटाखों के निर्माण की अनुमति दी थी। हालांकि, अदालत ने स्पष्ट किया कि इन पटाखों की बिक्री एनसीआर में उसकी अनुमति के बिना नहीं की जा सकती।


दिल्ली सरकार की मांग

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अदालत से हरित पटाखों पर छूट देने की अपील की है, यह बताते हुए कि दिवाली एक सांस्कृतिक पर्व है और जनता की भावनाओं का ध्यान रखना आवश्यक है। अदालत ने निर्देश दिया है कि सभी संबंधित पक्षों से परामर्श के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा। इससे पहले, 26 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दी थी। पीठ ने निर्माताओं को यह भी निर्देश दिया कि जब तक अदालत कोई नया आदेश नहीं देती, तब तक वे एनसीआर में कोई भी पटाखा न बेचें।


भविष्य की संभावनाएँ

अदालत ने कहा कि पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध न तो संभव है और न ही उचित। उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वह दिल्ली सरकार, पटाखा निर्माताओं और विक्रेताओं सहित सभी हितधारकों से बातचीत करे और पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध में संशोधन का प्रस्ताव लाए। 3 अप्रैल को, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर प्रतिबंध को पूरे साल के लिए बढ़ा दिया था, जो वर्तमान में अदालत में चुनौती के अधीन है।