दिल्ली-एनसीआर में दिवाली के बाद वायु गुणवत्ता में गिरावट का विश्लेषण
दिल्ली की वायु में प्रदूषण का बढ़ता स्तर
दिल्ली की हवा में कैसा घुला 'जहर'
इस वर्ष भी दिवाली की रात ने पूरे देश में रोशनी और उत्सव का माहौल बनाया, लेकिन इसके साथ ही दिल्ली में धुंध और धुएं की एक परत भी छा गई। दिल्ली-एनसीआर पहले से ही औद्योगिक, आवासीय क्षेत्रों और ट्रैफिक के मिश्रण से प्रभावित है, और वायु गुणवत्ता में पार्टिकुलेट मैटर (पीएम10 और पीएम2.5) की बढ़ती मात्रा ने लोगों में आंखों में जलन, गले में खराश और श्वसन समस्याओं को बढ़ा दिया है।
उत्तर, पश्चिम, पूर्व, दक्षिण और मध्य दिल्ली के साथ-साथ एनसीआर में दिवाली के दौरान वायु गुणवत्ता के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया है। यह जानकारी हमें बताती है कि राजधानी की वायु गुणवत्ता किस प्रकार प्रभावित हो रही है।
कवर किए गए स्टेशन
दिवाली से पहले (17-19 अक्टूबर)
दिल्ली की वायु पहले से ही सामान्य से अधिक प्रदूषण और उच्च AQI स्तर से प्रभावित थी। इसका मुख्य कारण अक्टूबर में हवा में आर्द्रता, आस-पास के राज्यों में पराली जलाने, फैक्ट्रियों का प्रदूषण और वाहनों का धुआं था।
दिवाली की रात (20 अक्टूबर):
आतिशबाजी के कारण हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ गया, जिससे AQI में उल्लेखनीय वृद्धि हुई।
दिवाली के बाद (21-23 अक्टूबर)
निष्कर्ष के तौर पर, दिल्ली-एनसीआर की 2025 की वायु गुणवत्ता का पैटर्न चिंताजनक रूप से स्थिर बना रहेगा। ऐसे में सुझाव है कि बाहर जाने से बचें, N95/N99 मास्क का उपयोग करें और इनडोर एयर प्यूरीफायर का सहारा लें। सुबह के समय खिड़कियां बंद रखें।