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दिल्ली अदालत ने आईआरसीटीसी घोटाले में लालू यादव और परिवार के खिलाफ आरोप तय किए

दिल्ली की अदालत ने आईआरसीटीसी घोटाले में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव के खिलाफ आरोप तय किए हैं। अदालत ने विभिन्न धाराओं के तहत आरोपों की पुष्टि की है, जिसमें सभी आरोपियों पर आपराधिक साजिश का आरोप है। लालू यादव ने अपनी निर्दोषता का दावा किया है और कहा है कि वह मुकदमे का सामना करेंगे। यह मामला 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री रहते हुए आईआरसीटीसी होटलों के ठेकों में भ्रष्टाचार से संबंधित है।
 

आईआरसीटीसी घोटाले में आरोपों का सामना

दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को आईआरसीटीसी घोटाले से जुड़े मामले में राजद के नेता लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया। अदालत ने निर्देश दिया कि लालू यादव पर लोक सेवक द्वारा आपराधिक कदाचार और धोखाधड़ी की साजिश के आरोप लगाए जाएँ, जबकि राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव पर धोखाधड़ी और साजिश के आरोप लगाए गए हैं।


अदालत ने विभिन्न धाराओं के तहत आरोप तय किए हैं, जिसमें सभी आरोपियों पर आपराधिक साजिश का आरोप है। लालू यादव ने अपनी निर्दोषता का दावा किया और कहा कि वह मुकदमे का सामना करेंगे। राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव पर आईपीसी की धारा 420 और 120बी के तहत आरोप लगाए गए हैं।


पूर्व रेल मंत्री, उनकी पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव और अन्य ने सोमवार को अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। अदालत ने 24 सितंबर को सभी 14 आरोपियों को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया था। विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने 13 अक्टूबर को यह आदेश दिया। यह मामला 2004 से 2009 के बीच लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहते हुए आईआरसीटीसी होटलों के रखरखाव कार्य ठेकों के आवंटन में भ्रष्टाचार से संबंधित है।


आरोप है कि आईआरसीटीसी के दो होटलों, बीएनआर रांची और बीएनआर पुरी, का रखरखाव ठेका विजय और विनय कोचर की स्वामित्व वाली एक निजी फर्म सुजाता होटल को दिया गया था। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि इस सौदे के बदले में लालू प्रसाद यादव को एक बेनामी कंपनी के माध्यम से तीन एकड़ बेशकीमती जमीन मिली। सीबीआई ने 7 जुलाई, 2017 को लालू यादव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की और पटना, नई दिल्ली, रांची और गुड़गांव में उनके और उनके परिवार के सदस्यों से जुड़े 12 ठिकानों पर छापेमारी की।


सीबीआई ने 1 मार्च, 2025 को लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रेम चंद गुप्ता सहित अन्य के खिलाफ आरोपों पर अपनी बहस पूरी की। सीबीआई की ओर से विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) डी.पी. सिंह और अधिवक्ता मनु मिश्रा ने दलील दी कि आईआरसीटीसी के दो होटल रखरखाव ठेकों को एक निजी कंपनी को आवंटित करने में आरोपियों ने भ्रष्टाचार और साजिश की।


प्रसाद यादव की ओर से दलील दी गई कि आईआरसीटीसी भ्रष्टाचार मामले में उनके खिलाफ आरोप तय करने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं है और वह इस मामले में आरोपमुक्त किए जाने के हकदार हैं।