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दिल्ली BMW दुर्घटना मामले में गगनप्रीत कौर की न्यायिक हिरासत बढ़ाई गई

दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने BMW दुर्घटना मामले में गगनप्रीत कौर की न्यायिक हिरासत को 27 सितंबर तक बढ़ा दिया है। इस मामले में नवजोत सिंह, जो वित्त मंत्रालय के अधिकारी थे, की मृत्यु हो गई। गगनप्रीत के वकील ने जमानत याचिका में उनके सहयोग और सामाजिक स्थिति का हवाला दिया है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और कोर्ट के निर्णय के बारे में।
 

न्यायालय का निर्णय

नई दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने बुधवार को गगनप्रीत कौर की न्यायिक हिरासत को 27 सितंबर तक बढ़ा दिया। उन पर आरोप है कि उन्होंने BMW कार चलाई, जिसने 52 वर्षीय वित्त मंत्रालय के अधिकारी नवजोत सिंह को टक्कर मारी। शिकायतकर्ता के वकील अतुल कुमार ने बताया कि गगनप्रीत कौर की जमानत याचिका की सुनवाई शनिवार तक टाल दी गई है।


जमानत याचिका पर सुनवाई

अतुल कुमार ने कहा, "कोर्ट ने जमानत आवेदन को शनिवार तक स्थगित कर दिया है... यह एक निवेश का मामला है और यह न्यायालय में है। इस पर अभी टिप्पणी करना उचित नहीं होगा।" कोर्ट ने आरोपी की याचिका पर BMW दुर्घटना से संबंधित CCTV फुटेज को सुरक्षित रखने के निर्देश भी दिए। मामले की अगली सुनवाई गुरुवार को होगी।


दुर्घटना का विवरण

नवजोत सिंह, जो केंद्रीय वित्त मंत्रालय में उप सचिव थे, अपनी पत्नी संदीप कौर के साथ पश्चिम दिल्ली के हरिनगर क्षेत्र से बाइक पर जा रहे थे। इसी दौरान, धौला कुआं में एक BMW SUV, जिसे कथित तौर पर मक्कड़ चला रहा था, ने केंद्रीय डिवाइडर को टक्कर मारी और उनकी बाइक से टकरा गई।


अस्पताल में नवजोत सिंह की मृत्यु

दुर्घटना के बाद, दोनों को लगभग 19 किलोमीटर दूर अस्पताल ले जाया गया, लेकिन नवजोत सिंह अस्पताल पहुंचते ही मृत हो गए। गगनप्रीत को सोमवार दोपहर को गिरफ्तार किया गया और मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करने के बाद दो दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।


गगनप्रीत का बचाव

गगनप्रीत के वकील ने जमानत याचिका में कहा, "उन्होंने पूरी तरह से जांच में सहयोग किया है और समाज में उनकी गहरी जड़ें हैं, इसलिए वह भागने या सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने की संभावना नहीं है।" उन्होंने यह भी कहा कि गगनप्रीत दो नाबालिग बेटियों की मां हैं और उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है।


पुलिस रिमांड पर आपत्ति

उनके वकील ने पुलिस रिमांड की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि FIR दर्ज करने में 10 घंटे की देरी हुई थी। गगनप्रीत के वकील ने यह भी तर्क किया कि "हालांकि यह दुर्घटना दुर्भाग्यपूर्ण है, देशभर में हर साल लगभग 5,000 दुर्घटनाएं होती हैं।"


अन्य आरोपियों का उल्लेख

वकील ने यह भी कहा कि मामले में एक DTC बस, जो दोपहिया वाहन से टकराई थी, और एक एंबुलेंस, जो दुर्घटना के समय वहां से गुजर रही थी, को भी आरोपी माना जाना चाहिए।