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दिल के दौरे और स्ट्रोक के बढ़ते मामलों पर नई अध्ययन की रोशनी

हाल के वर्षों में दिल के दौरे और स्ट्रोक की घटनाओं में वृद्धि हुई है। एक नई अध्ययन में यह पाया गया है कि जीवनशैली की गलतियाँ इन समस्याओं का मुख्य कारण हैं। शोध में शामिल 99 प्रतिशत प्रतिभागियों में उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल की समस्याएं पाई गईं। विशेषज्ञों का कहना है कि इन जोखिमों को पहचानना और रोकना आवश्यक है। जानें इस अध्ययन के प्रमुख निष्कर्ष और स्वास्थ्य के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं।
 

दिल के दौरे और स्ट्रोक की बढ़ती घटनाएं


हाल के वर्षों में दिल के दौरे और स्ट्रोक की घटनाओं में तेजी से वृद्धि हुई है। एक नई अध्ययन में यह सामने आया है कि जो लोग दिल के दौरे या स्ट्रोक का सामना करते हैं, उनके जीवनशैली में कई गलतियाँ होती हैं जो उन्हें जोखिम में डालती हैं। इस शोध में यह भी पाया गया कि जिन लोगों को ये समस्याएँ होती हैं, उनमें से कम से कम एक चौथाई के पास पहले से ही कोई हृदय संबंधी समस्या होती है, जिसे वे अक्सर नजरअंदाज करते हैं। आइए इस अध्ययन के मुख्य निष्कर्षों पर नज़र डालते हैं।


शोध के निष्कर्ष

शोध में क्या पाया गया?

यह अध्ययन, जो अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी में प्रकाशित हुआ, में शोधकर्ताओं ने पाया कि 99 प्रतिशत प्रतिभागियों में उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल, असंतुलित शुगर स्तर और तंबाकू से संबंधित समस्याएं थीं। उच्च रक्तचाप सबसे सामान्य समस्या थी। शोध में यह भी सुझाव दिया गया कि इन जोखिमों को रोका या नियंत्रित किया जा सकता था।

इस अध्ययन में दक्षिण कोरिया में 600,000 मामलों और अमेरिका में 1,000 युवा लोगों का 20 वर्षों से अधिक समय तक अध्ययन किया गया। अधिकांश प्रतिभागियों को रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल, ग्लूकोज या धूम्रपान की आदतों से संबंधित समस्याएं थीं। दक्षिण कोरिया में 95 प्रतिशत प्रतिभागियों को उच्च रक्तचाप था, जबकि अमेरिका में यह आंकड़ा लगभग 93 प्रतिशत था।


विशेषज्ञ की राय

विशेषज्ञ की राय

शोध के वरिष्ठ लेखक, फिलिप ग्रीनलैंड (नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी फीनबर्ग स्कूल ऑफ मेडिसिन के प्रोफेसर) ने बताया कि रक्तचाप की समस्याएं आसानी से पहचानी जा सकती हैं, लेकिन ये अक्सर बिना लक्षणों के होती हैं, जिससे प्रारंभिक चरणों में इनका पता नहीं चलता। उन्होंने कहा कि इस शोध का मुख्य उद्देश्य इन जोखिम कारकों की पहचान करना और उन्हें रोकना है।

अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार, रक्तचाप के स्तर को 120/80 mmHg या उससे अधिक नियंत्रित करना आवश्यक है। कोलेस्ट्रॉल के स्तर को 200 mg/dL या उससे अधिक भी खतरनाक माना जाता है। ग्रीनलैंड ने यह भी बताया कि कुछ हृदय रोगों के कारण, जैसे आनुवंशिक कारक या कुछ रक्त मार्कर, को नियंत्रित नहीं किया जा सकता। इसके बावजूद, अधिकांश डॉक्टर नियमित रक्तचाप जांच और उम्र और स्वास्थ्य के अनुसार उपयुक्त जीवनशैली की सिफारिश करते हैं।


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