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दहेज हत्या मामले में चार दोषियों को 10 साल की सजा

बलिया जिले की एक अदालत ने दहेज के लिए विवाहिता की हत्या के चार साल पुराने मामले में पति और ससुराल के चार सदस्यों को दोषी ठहराते हुए 10 साल की सजा सुनाई है। यह मामला तब सामने आया जब विवाहिता को दहेज के लिए प्रताड़ित किया गया और अंततः उसकी हत्या कर दी गई। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और अदालत के फैसले के बारे में।
 

बलिया में दहेज हत्या का मामला

बलिया जिले की एक स्थानीय अदालत ने दहेज के लिए विवाहिता की हत्या के चार साल पुराने मामले में पति और ससुराल के चार सदस्यों को दोषी ठहराते हुए प्रत्येक को 10 साल की सजा सुनाई है। अभियोजन पक्ष ने शनिवार को इस मामले की जानकारी दी।


लोक अभियोजक विमल कुमार राय ने बताया कि जिला न्यायाधीश अनिल कुमार झा की अदालत ने शुक्रवार को सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद पति रिपुंजय वर्मा, जेठ मृत्युंजय, सास तपेश्वरी देवी और जेठानी प्रियंका को दोषी ठहराया। सभी चारों को 10 साल की कारावास और 35-35 हजार रुपये का अर्थदंड दिया गया।


राय ने बताया कि दुर्जनपुर गांव के श्रद्धा लाल वर्मा ने अपनी बेटी प्रतिमा की शादी 2016 में बैरिया थाना क्षेत्र के दयाछपरा बुधनचक गांव के निवासी रिपुंजय वर्मा से की थी। शादी के बाद से प्रतिमा को दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा और 4 मई 2021 को उसे जहरीला पदार्थ खिलाकर और गला घोंटकर हत्या कर दी गई।


उन्होंने कहा कि विवाहिता के पिता की शिकायत पर पति, जेठ, सास और जेठानी के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने जांच के बाद आरोप पत्र अदालत में पेश किया। सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने सभी आरोपियों को दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई।