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दशहरे पर इन बातों से बचें, वरना हो सकता है नुकसान

दशहरा, अच्छाई की बुराई पर विजय का प्रतीक, नवरात्रि के बाद मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्री राम ने रावण का वध किया था। जानें इस पर्व पर क्या करना चाहिए और किन बातों से बचना चाहिए, ताकि आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहे। यह दिन केवल पूजा का नहीं, बल्कि आत्म-चिंतन और सुधार का भी है।
 

दशहरा का महत्व


दशहरा, जिसे विजयादशमी भी कहा जाता है, अच्छाई की बुराई पर विजय का प्रतीक है। यह त्योहार माता रानी के नवरात्रि महापर्व के बाद आता है। इस दिन भगवान श्री राम ने लंका के राजा रावण का वध कर धर्म की स्थापना की थी। मान्यता है कि इस दिन किए गए शुभ कार्यों का जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, लेकिन कुछ गलतियों से अशुभ परिणाम भी मिल सकते हैं, जो आर्थिक कठिनाइयों या गरीबी का कारण बन सकते हैं।


दशहरे पर न करें ये काम

इन बातों से बचें, वरना हो सकता है नुकसान:
1. क्रोध और कठोर शब्दों से बचें
इस दिन क्रोध और कठोर भाषा नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाती है।
यह रिश्तों में दरार और मानसिक अशांति का कारण बन सकती है।
2. झूठ और धोखे से बचें
दशहरा सत्य और धर्म का पर्व है।
इस दिन झूठ बोलना या धोखा देना जीवन में अविश्वास और समस्याएं ला सकता है।
3. दूसरों की बुराई और अपमान से बचें
दूसरों के बारे में बुरा बोलना या किसी का अपमान करना अशुभ माना जाता है।
विशेष रूप से बुजुर्गों और महिलाओं का अपमान लक्ष्मी माता के आशीर्वाद को दूर करता है।
4. प्रकृति को नुकसान न पहुंचाएं
इस दिन पेड़ काटना या प्रदूषण करना अशुभ माना जाता है।
दशहरा जीवन और प्रकृति के बीच संतुलन का प्रतीक है; इस दिन पेड़ लगाएं, न कि काटें।
5. आलस्य और समय बर्बाद करने से बचें
दशहरा नए संकल्पों का दिन है।
इस दिन आलसी रहना या समय बर्बाद करना प्रगति में बाधा डाल सकता है।
यदि आप इन गलतियों से बचते हैं, तो आपके जीवन में खुशी, शांति और समृद्धि बनी रहेगी। यह दिन केवल पूजा का नहीं, बल्कि आत्म-चिंतन और सुधार का भी है। इसलिए इस दिन सकारात्मक सोच, अच्छे कार्य और सम्मानजनक व्यवहार अपनाएं।


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