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दशहरा: बुराई पर अच्छाई की विजय का पर्व

दशहरा, जिसे विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है, बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस वर्ष 2 अक्टूबर को मनाए जाने वाले इस पर्व पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। राष्ट्रपति ने सत्य और न्याय के संदेश पर जोर दिया, जबकि प्रधानमंत्री ने अच्छाई की बुराई पर विजय का महत्व बताया। जानें इस पर्व की परंपराएं और इसके पीछे का अर्थ।
 

दशहरा का महत्व

दशहरा, जिसे विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है, नवरात्रि और दुर्गा पूजा के उत्सव का अंतिम दिन है। यह दिन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, क्योंकि पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान राम ने राक्षस रावण पर विजय प्राप्त की और देवी दुर्गा ने महिषासुर को हराया। आज देशभर में इस पर्व की धूम मची हुई है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस अवसर पर सभी देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं.


राष्ट्रपति का संदेश

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विजयादशमी की पूर्व संध्या पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं और इस पर्व के सत्य, न्याय और सद्भाव के संदेश पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "विजयादशमी के इस पावन अवसर पर, मैं सभी को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ देती हूँ।" राष्ट्रपति ने यह भी बताया कि यह पर्व हमें अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक है और हमें सत्य और न्याय के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।


प्रधानमंत्री का संदेश

प्रधानमंत्री मोदी ने भी विजयादशमी के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं और इस त्योहार के असत्य और बुराई पर धर्म की जीत के संदेश पर बल दिया। उन्होंने कहा कि विजयादशमी अच्छाई और पुण्य की बुराई पर विजय का प्रतीक है। उन्होंने कामना की कि यह पर्व सभी को साहस, ज्ञान और भक्ति को अपनाने के लिए प्रेरित करे.


दशहरा का उत्सव

दशहरा, जो भारत के प्रमुख हिंदू त्योहारों में से एक है, इस वर्ष 2 अक्टूबर को मनाया जाएगा। यह पर्व राक्षस राजा रावण पर भगवान राम की विजय का स्मरण करता है, जो अहंकार और बुराई पर सत्य और धर्म की जीत का प्रतीक है। रावण, मेघनाद और कुंभकरण के पुतले जलाना भारत के विभिन्न हिस्सों में एक लोकप्रिय परंपरा है। यह त्योहार लोगों को आंतरिक बुराइयों पर विजय पाने और सत्य, सदाचार और धर्म के मूल्यों को बनाए रखने के लिए प्रेरित करता है.