दशहरा पर बुध-गुरु केंद्र दृष्टि योग: जानें किस राशि को मिलेगा लाभ
बुध-गुरु केंद्र दृष्टि योग का महत्व
ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों की स्थिति और उनके आपसी संबंधों को महत्वपूर्ण माना जाता है। जब गुरु (बृहस्पति) और बुध ग्रह एक-दूसरे को केंद्र भावों से दृष्टि देते हैं, तो इसे केंद्र दृष्टि योग कहा जाता है। यह योग अत्यंत शुभ और फलदायी माना जाता है। इस बार दशहरा के दिन यह विशेष योग बन रहा है, जिसका प्रभाव सभी राशियों पर भिन्न-भिन्न होगा। हालांकि, पांच राशियां ऐसी हैं जिनके लिए यह समय अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगा।
बुध-गुरु केंद्र दृष्टि योग की विशेषताएँ
गुरु को ज्ञान, धर्म और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है, जबकि बुध बुद्धि, संवाद और व्यापार का प्रतिनिधित्व करता है। जब ये दोनों ग्रह केंद्र में आकर एक-दूसरे को दृष्टि देते हैं, तो व्यक्ति के जीवन में ज्ञान, धन और सफलता का संगम होता है। यह योग आत्मविश्वास और कार्यक्षमता को भी कई गुना बढ़ा देता है।
राशियों पर प्रभाव
मेष राशि: बुध-गुरु केंद्र दृष्टि योग के प्रभाव से मेष राशि के जातकों को करियर में नए अवसर मिलेंगे। लंबे समय से रुके कार्य पूरे होंगे और नेतृत्व क्षमता में वृद्धि होगी। समाज में मान-सम्मान और पद प्रतिष्ठा की प्राप्ति भी संभव है.
मिथुन राशि: मिथुन राशि वालों की वाणी और बुद्धि में निखार आएगा। नौकरी और व्यवसाय में तरक्की के योग हैं। यदि आप शिक्षा, लेखन, वाणी या कंसल्टेंसी से जुड़े हैं तो यह समय विशेष रूप से लाभकारी रहेगा.
कन्या राशि: कन्या राशि के लिए यह योग आर्थिक और पेशेवर दृष्टि से शुभ है। आपके निर्णय दूरगामी लाभ देंगे। व्यापारियों को मुनाफा और विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता मिलने की संभावना है.
धनु राशि: धनु राशि वाले इस समय अध्यात्म और उच्च शिक्षा की ओर आकर्षित होंगे। धार्मिक कार्यों में भागीदारी बढ़ेगी और विदेश यात्रा के अवसर मिल सकते हैं। करियर में भी नए रास्ते खुल सकते हैं.
मीन राशि: मीन राशि के जातकों के लिए यह समय कला, संगीत और रचनात्मक कार्यों में उन्नति का है। पारिवारिक जीवन में सुख-शांति रहेगी और समाज में आपकी प्रतिष्ठा बढ़ेगी। यह योग आत्मविश्वास को भी मजबूत करेगा.