दतिया में एंबुलेंस को रैन बसेरा में बदला गया, प्रशासन की नई पहल
दतिया कलेक्टर की अनोखी पहल
दतिया:
मध्य प्रदेश के दतिया के कलेक्टर स्वप्निल वानखेड़े अपनी नवाचारों के लिए प्रसिद्ध हैं। हाल ही में, उन्होंने जिला अस्पताल में एक ऐसा कार्य किया है, जो चर्चा का विषय बन गया है। वर्षों से अनुपयोगी पड़ी एंबुलेंस को उन्होंने रैन बसेरा में परिवर्तित कर दिया है, जिससे अस्पताल आने वाले लोगों को एक नया ठिकाना मिल सकेगा।
परिजनों की समस्याओं का समाधान
दरअसल, दतिया अस्पताल में मरीजों के परिजन अक्सर ठंडी रातों में खुले आसमान के नीचे या फर्श पर सोने के लिए मजबूर होते थे। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए, प्रशासन ने कबाड़ में पड़े संसाधनों का रचनात्मक उपयोग करते हुए यह अनूठा मॉडल तैयार किया है। मरम्मत के बाद, हर एंबुलेंस में चार लोगों के सोने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। अंदर साफ-सफाई, रोशनी और सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित किया गया है, जिससे परिजनों को एक सम्मानजनक आवास मिल सके।
रैन बसेरा के रूप में एंबुलेंस का उपयोग
वर्तमान में एक एंबुलेंस को पूरी तरह से रैन बसेरा के रूप में तैयार किया गया है, जबकि तीन से चार अन्य एंबुलेंस को भी इसी उद्देश्य के लिए विकसित किया जा रहा है। यह पहल न केवल कम लागत में अधिक लाभ प्रदान करती है, बल्कि प्रशासन की संवेदनशीलता और सेवा भावना को भी दर्शाती है।
कलेक्टर स्वप्निल वानखेड़े ने कहा कि प्रशासन का निरंतर प्रयास है कि अनुपयोगी संसाधनों का जनहित में रचनात्मक उपयोग किया जाए, ताकि आम नागरिकों को इसका लाभ मिल सके। यह व्यवस्था विशेष रूप से उन गरीब परिवारों के लिए राहत का माध्यम बनेगी, जो दूर-दराज से आते हैं और जिनके पास ठहरने की कोई व्यवस्था नहीं होती। दतिया प्रशासन की यह पहल अस्पताल आने वाले सैकड़ों मरीजों के परिजनों के लिए सहारा बनेगी और मानवीय शासन और संवेदनशील प्रशासन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।