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थायराइड की समस्या: घरेलू उपचार और सावधानियाँ

थायराइड की समस्या आजकल एक आम स्वास्थ्य चुनौती बन गई है। यह ग्रंथि शरीर के कई महत्वपूर्ण कार्यों को प्रभावित करती है। इस लेख में, हम थायराइड के प्रकार, लक्षण, कारण और प्रभावी घरेलू उपचारों के बारे में चर्चा करेंगे। जानें कैसे आप अपनी जीवनशैली में छोटे बदलाव करके इस समस्या से राहत पा सकते हैं।
 

थायराइड की गंभीरता


आज के समय में थायराइड एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है। यह ग्रंथि गर्दन के सामने स्थित होती है और इसका आकार तितली जैसा होता है।


इस ग्रंथि से थायरोक्सिन हार्मोन का स्राव होता है।


जब इस हार्मोन का संतुलन बिगड़ता है, तो शरीर में कई स्वास्थ्य समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।


थायरोक्सिन की कमी से मेटाबोलिज़्म तेज हो जाता है, जिससे शरीर की ऊर्जा जल्दी समाप्त हो जाती है।


इसके विपरीत, जब हार्मोन की मात्रा बढ़ जाती है, तो मेटाबोलिज़्म धीमा हो जाता है, जिससे थकान और सुस्ती महसूस होती है।


थायराइड की समस्या किसी भी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकती है। बच्चों में यह समस्या लंबाई में कमी और शरीर के फैलाव का कारण बन सकती है।


महिलाओं में इसका प्रभाव अक्सर स्पष्ट होता है, जिससे उनकी उपस्थिति पर भी असर पड़ता है। इसलिए, थायराइड से बचने के लिए घरेलू उपचार अपनाना आवश्यक है।


थायराइड के प्रकार और लक्षण

थायराइड से जुड़ी समस्याओं में मुख्यतः पांच प्रकार के विकार होते हैं: हाइपोथायराइडिज्म, हाइपरथायराइडिज्म, आयोडीन की कमी से होने वाले विकार, हाशिमोटो थायराइडिटिस, और थायराइड कैंसर।


थायराइड ग्रंथि से दो प्रमुख हार्मोन बनते हैं: टी3 और टी4, जो शरीर के तापमान, मेटाबोलिज़्म और हृदय गति को नियंत्रित करते हैं।


जब इन हार्मोनों का संतुलन बिगड़ता है, तो व्यक्ति थायराइड की समस्या का शिकार हो जाता है।


हाइपोथायराइडिज्म में हार्मोन का स्राव कम होता है, जबकि हाइपरथायराइडिज्म में इसकी मात्रा अधिक होती है।


थायराइड के लक्षणों में प्रतिरोधक क्षमता में कमी, थकान, बालों का झड़ना, कब्ज, त्वचा का रूखापन, और वजन में अचानक बदलाव शामिल हैं।


थायराइड के कारण

थायराइड की समस्या के कई कारण हो सकते हैं, जैसे अत्यधिक तनाव, धूम्रपान, सोया का सेवन, और डॉक्टर की सलाह की अनदेखी।


इसके अलावा, कार्बोहाइड्रेट्स का सेवन न करना और ग्लूटेन युक्त आहारों का अधिक सेवन भी थायराइड को प्रभावित कर सकता है।


शुगर का नियंत्रण न रखना और फालतू दवाओं का सेवन भी थायराइड की समस्या को बढ़ा सकता है।


थायराइड का घरेलू उपचार

निर्गुण्डी के पत्तों का रस 14 से 28 मिलीलीटर दिन में तीन बार लेने से थायराइड में राहत मिलती है।


लाल प्याज को गर्दन पर रगड़ने से भी लाभ होता है।


हाइपोथायराइड के लिए आयोडीन युक्त खाद्य पदार्थ जैसे समुद्री भोजन, मछली, और अंडे का सेवन फायदेमंद होता है।


हाइपरथायराइड के लिए हरी सब्जियाँ, साबुत अनाज, और ओलिव ऑयल का सेवन करना चाहिए।