×

त्रिपुरा में 37 अधिनियमों की मंजूरी का इंतजार, TMP ने सुप्रीम कोर्ट जाने का किया निर्णय

टिपरा मोथा पार्टी के विधायक रंजीत देबबरमा ने बताया कि त्रिपुरा में 37 विधेयक राज्य सरकार और राज्यपाल के पास लंबित हैं। इनमें जनजातियों के पारंपरिक कानून और भूमि अधिकार शामिल हैं। पार्टी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने की योजना बना रही है। जानें इस मुद्दे पर आगे की जानकारी और TMP की रणनीति।
 

त्रिपुरा में अधिनियमों की लंबित स्थिति


अगरतला, 5 अक्टूबर: टिपरा मोथा पार्टी (TMP) के वरिष्ठ विधायक, रंजीत देबबरमा ने रविवार को बताया कि त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद (TTAADC) द्वारा पारित 37 विधेयक राज्य सरकार और राज्यपाल के पास लंबित हैं।


देबबरमा ने कहा कि इन लंबित विधेयकों में विभिन्न जनजातियों के पारंपरिक कानून और जनजातीय परिषद को भूमि अधिकार सौंपने के प्रावधान शामिल हैं।


उन्होंने कहा, "TTAADC द्वारा पारित 37 विधेयक CPI (M) के शासन के दौरान से राज्य सरकार के पास लंबित हैं। कुछ विधेयक तो आठ से दस साल पुराने हैं, लेकिन अभी भी सरकार के पास लंबित हैं।"


TMP विधायक ने बताया कि पार्टी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने पर विचार कर रही है, ताकि 37 विधेयकों की मंजूरी के लिए दिशा-निर्देश प्राप्त किए जा सकें।


एक TMP टीम, जिसमें पार्टी प्रमुख प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबरमा शामिल हैं, 6 अक्टूबर तक दिल्ली पहुंचकर वरिष्ठ वकीलों के साथ इस मामले पर चर्चा करेगी।


"हमने पहले ही तय कर लिया है कि सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे ताकि इन विधेयकों को मंजूरी दिलाने में मदद मिल सके। हम जानना चाहते हैं कि क्या सरकार या राज्यपाल हमारे अधिकार देने के पक्ष में हैं या नहीं," देबबरमा ने आगे कहा।


TMP, त्रिपुरा में भाजपा-नेतृत्व वाले गठबंधन सरकार का सहयोगी है और TTAADC बोर्ड का संचालन करता है।