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त्रिपुरा के मुख्यमंत्री ने टिपरा मोथा पार्टी की आलोचना की

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने टिपरा मोथा पार्टी के उस बयान की आलोचना की, जिसमें कहा गया था कि भाजपा को टीटीएएडीसी में काम नहीं करने दिया जाएगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि कोई भी ताकत भाजपा को जनजातीय क्षेत्रों में काम करने से नहीं रोक सकती। साहा ने यह भी कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में धमकियों की राजनीति के लिए कोई स्थान नहीं है। उन्होंने भाजपा के विश्वास को संवाद और शांति में बताया और कहा कि सरकार जनता के कल्याण के लिए काम करती रहेगी।
 

मुख्यमंत्री माणिक साहा की प्रतिक्रिया

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने मंगलवार को टिपरा मोथा पार्टी द्वारा दिए गए उस बयान की तीखी निंदा की, जिसमें कहा गया था कि भाजपा को त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद (टीटीएएडीसी) में कार्य करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। साहा ने स्पष्ट किया कि कोई भी शक्ति सत्तारूढ़ पार्टी को जनजातीय क्षेत्रों में जनजातियों के कल्याण के लिए कार्य करने से नहीं रोक सकती। खोवाई जिले के बैजल बारी में भाजपा के एक कार्यक्रम में बोलते हुए, उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में ब्लैकमेल और धमकियों की राजनीति के लिए कोई स्थान नहीं है और इसे अब सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि टीटीएएडीसी क्षेत्रों में जनजातीय समुदायों के विकास के लिए भाजपा को कोई नहीं रोक सकता।


भाजपा का विश्वास संवाद और शांति में

मुख्यमंत्री साहा ने यह भी आरोप लगाया कि जनजातीय महिलाओं के लिए आयोजित एक कार्यक्रम को बाधित करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट किया कि भाजपा संवाद और शांति बनाए रखने में विश्वास करती है। उन्होंने कहा, “हमारे संरक्षक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हैं। हम कानून-व्यवस्था में विश्वास रखते हैं और सत्ता का प्रयोग केवल संवैधानिक तरीकों से ही करेंगे।” उन्होंने आगे कहा कि अराजकता भाजपा की राजनीतिक संस्कृति का हिस्सा नहीं है।


राजनीतिक तुलना और लोकतांत्रिक प्रक्रिया

साहा ने पाकिस्तान के उदाहरण का हवाला देते हुए कहा कि एक समय वह भारत को परमाणु धमकियों के जरिए ब्लैकमेल करने की कोशिश कर रहा था, जबकि त्रिपुरा में कुछ राजनीतिक ताकतें अब इसी तरह की रणनीति अपना रही हैं। उन्होंने कहा, “सभी जानते हैं कि भाजपा 2018 में सत्ता में कैसे आई। मुद्दे बदलते रहते हैं, तिप्रालैंड से लेकर ग्रेटर तिप्रालैंड और अब पूर्वोत्तर तक, लेकिन सब कुछ लोकतांत्रिक प्रक्रिया के माध्यम से ही होना चाहिए।”


गठबंधन सहयोगियों पर आरोप

मुख्यमंत्री ने गठबंधन सहयोगियों पर आरोप लगाया कि वे गठबंधन के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा केंद्र और राज्य स्तर पर गठबंधन के अनुशासन का सम्मान करती है, लेकिन त्रिपुरा में जमीनी स्तर पर ऐसा व्यवहार नहीं दिख रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि कोई भी पार्टी यह कैसे दावा कर सकती है कि भाजपा को टीटीएएडीसी क्षेत्रों में प्रवेश नहीं दिया जाएगा, और जोर देकर कहा कि सरकार राजनीतिक विरोध की परवाह किए बिना जनता के लिए कार्य करती रहेगी।