तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में चक्रवाती तूफान 'मोंथा' का कहर: भारी बारिश और जान-माल का नुकसान
चक्रवाती तूफान 'मोंथा' का प्रभाव
भीषण चक्रवाती तूफान 'मोंथा' के चलते बुधवार को तेलंगाना के कई क्षेत्रों में भारी बारिश हुई। यह तूफान रात भर आंध्र प्रदेश के तट को पार कर गया। बारिश से संबंधित घटनाओं में एक व्यक्ति की मौत हो गई और एक अन्य के बह जाने की आशंका जताई जा रही है। तेलंगाना के वारंगल, जनगांव, हनुमाकोंडा, महबुबाबाद, करीमनगर, सिद्दीपेट, राजन्ना सिरसिल्ला, यदाद्री भुवनागिरी, सूर्यापेट, नलगोंडा, खम्मम, नगरकुर्नूल, पेद्दापल्ली, भद्राद्री कोठागुडेम और हैदराबाद में भी बारिश हुई।
भारी बारिश के आंकड़े
तेलंगाना डेवलपमेंट प्लानिंग सोसाइटी के अनुसार, सुबह 8:30 बजे से रात 9 बजे तक हनुमाकोंडा जिले के भीमादेवरपल्ले में 412.3 मिमी बारिश दर्ज की गई। इसके बाद वारंगल जिले के कलेदा में 382.3 मिमी, उरुस में 336.8 मिमी और रेडलावाड़ा में 333.3 मिमी बारिश हुई।
आंध्र प्रदेश में चक्रवात का असर
आंध्र प्रदेश में चक्रवाती तूफान 'मोंथा' के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर तीन हो गई है। मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने मृतकों के परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने का निर्देश दिया। यह तूफान मंगलवार आधी रात को आया था।
फसल और बुनियादी ढांचे को नुकसान
नायडू के अनुसार, प्रारंभिक अनुमान के अनुसार, मोंथा तूफान ने आंध्र प्रदेश में 87,000 हेक्टेयर फसलें, 380 किलोमीटर पंचायती राज सड़कें, 2,300 किलोमीटर लंबी सड़कें और 14 पुलों को नुकसान पहुंचाया है। 304 मंडलों में धान, मक्का, कपास और उड़द की फसलें नष्ट हो गई हैं।
आर्थिक नुकसान का आकलन
अधिकारियों ने बताया कि सड़कों और पुलों के क्षतिग्रस्त होने से 1,424 करोड़ रुपये और ग्रामीण जलापूर्ति अवसंरचना के प्रभावित होने से 36 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। चक्रवात के दौरान तीन लोगों के अलावा 42 पशु भी मारे गए।
मुख्यमंत्री का दौरा
मुख्यमंत्री ने चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों का हवाई दौरा किया। उन्होंने बापटला, पालनाडू, कृष्णा, कोनासीमा और एलुरु जिलों का निरीक्षण किया। नायडू ने कहा कि चक्रवात के दौरान हवा की गति 75 किमी प्रति घंटे तक पहुंच गई थी।
राहत कार्य
नायडू ने राहत शिविरों का दौरा किया और विस्थापितों को आवश्यक सामग्री वितरित की, जिसमें 25 किलोग्राम चावल और प्रति परिवार 3,000 रुपये नकद शामिल थे। उन्होंने कहा कि यह राज्य के लिए एक बड़ी आपदा है, लेकिन राहत कार्यों के माध्यम से नुकसान को कम करने का प्रयास किया जा रहा है।