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तेजस्वी यादव बने आरजेडी विधायक दल के नेता, लालू यादव का समर्थन

आरजेडी की हालिया बैठक में तेजस्वी यादव ने विधायक दल का नेता बनने का प्रस्ताव स्वीकार किया, जो पहले उन्होंने ठुकरा दिया था। लालू यादव के समझाने पर तेजस्वी ने अपनी सहमति दी और संजय यादव तथा अपनी टीम का भी समर्थन किया। इस बैठक में तेजस्वी ने चुनावी हार की जिम्मेदारी लेते हुए नेता प्रतिपक्ष का पद छोड़ने की इच्छा जताई। जानें इस बैठक की पूरी कहानी और तेजस्वी के नेतृत्व के पीछे की वजहें।
 

आरजेडी की बैठक में तेजस्वी का नेतृत्व स्वीकार

लालू यादव और तेजस्वी यादव. (फाइल फोटो)

हाल ही में विधानसभा चुनाव के परिणामों के बाद आरजेडी की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में तेजस्वी यादव ने विधायक दल का नेता बनने से मना कर दिया था। लेकिन लालू यादव के समझाने के बाद तेजस्वी ने अपनी सहमति दी। इस दौरान तेजस्वी ने संजय यादव और अपनी टीम के अन्य सदस्यों का भी समर्थन किया। यह बैठक तेजस्वी के सरकारी निवास पर हुई। आइए जानते हैं आरजेडी की बैठक की इनसाइड स्टोरी.

बैठक के दौरान तेजस्वी यादव ने चुनावी हार की जिम्मेदारी लेते हुए दल का नेता बनने का प्रस्ताव ठुकरा दिया। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष का पद भी छोड़ने की इच्छा जताई और कहा कि वे केवल एक विधायक के रूप में कार्य करना चाहते हैं। तेजस्वी ने बताया कि उनके पिता लालू प्रसाद यादव ने आरजेडी की स्थापना की है और वे उनके निर्देश पर पार्टी का कार्य संभाल रहे हैं।

लालू का समर्थन और तेजस्वी का नेतृत्व

जब तेजस्वी ने लालू यादव का नाम लिया, तो लालू तुरंत खड़े हो गए। उन्होंने कहा कि पार्टी के अध्यक्ष के रूप में, वे चाहते हैं कि यह जिम्मेदारी तेजस्वी को दी जाए। इसके बाद सभी विधायकों और वरिष्ठ नेताओं ने भी लालू का समर्थन किया, जिससे तय हुआ कि तेजस्वी ही पार्टी का नेतृत्व करेंगे।

टीम का बचाव करते हुए तेजस्वी

लालू यादव के प्रस्ताव के बाद तेजस्वी ने सहमति जताई। इस बैठक में उन्होंने संजय यादव और अपनी टीम का भी बचाव किया। तेजस्वी ने कहा कि संजय और उनकी टीम ने चुनाव के दौरान उत्कृष्ट कार्य किया है। उन्होंने सभी की मेहनत की सराहना की और कहा कि किसी के आरोप लगाने से कुछ नहीं होता है।

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तेजस्वी ने जगदानंद सिंह का उदाहरण देते हुए कहा कि जब उन्हें अध्यक्ष बनाया गया, तब भी उनका विरोध हुआ था। उल्लेखनीय है कि तेजप्रताप यादव ने जगदानंद सिंह का विरोध किया था और उन्हें हिटलर कहकर संबोधित किया था।

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