तेजस्वी यादव ने एनडीए के घोषणापत्र पर उठाए सवाल, मांगी माफी
तेजस्वी यादव ने एनडीए के घोषणापत्र पर गंभीर सवाल उठाते हुए माफी की मांग की है। उन्होंने बिहार की स्थिति पर चिंता जताई और कहा कि पिछले वादे पूरे नहीं हुए हैं। यादव ने अस्पतालों और निवेश की कमी की आलोचना की और महागठबंधन की चुनावी जीत का भरोसा जताया। जानें इस मुद्दे पर उनके विचार और एनडीए के घोषणापत्र की प्रमुख बातें।
Oct 31, 2025, 15:17 IST
तेजस्वी यादव का एनडीए पर हमला
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घोषणापत्र पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि गठबंधन को जनता से माफी मांगनी चाहिए और अपने 'संकल्प पत्र' को 'माफी पत्र' में बदलना चाहिए, क्योंकि पिछले चुनावी वादे पूरे नहीं हुए हैं और नए वादे किए गए हैं। यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के स्वास्थ्य पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव से छह दिन पहले जारी एनडीए के 'संकल्प पत्र' की जानकारी शायद सीएम को भी नहीं है।
तेजस्वी यादव ने संवाददाताओं से कहा कि एनडीए को बिहार के चौदह करोड़ लोगों से माफी मांगनी चाहिए, क्योंकि बीस साल शासन के बाद भी बिहार सबसे गरीब राज्यों में से एक बना हुआ है। उन्होंने राज्य में कारखानों और निवेश की कमी की आलोचना करते हुए कहा, "यहां न तो कोई कारखाना है और न ही निवेश। सरकार हर क्षेत्र में विफल रही है, इसलिए उन्हें माफी पत्र लाना चाहिए।"
राजद नेता ने अस्पतालों के निर्माण के वादों की भी आलोचना की, यह कहते हुए कि बुनियादी ढाँचा तो बन सकता है, लेकिन अस्पतालों में डॉक्टर और नर्स नहीं होंगे। यादव ने कहा कि हर ज़िले में अस्पताल और मेडिकल कॉलेज बनाने का वादा किया गया था, लेकिन वहां न डॉक्टर हैं, न नर्स। उन्होंने कहा, "कुछ भी नहीं हो रहा है। इसलिए, इन लोगों को बिहार की 14 करोड़ जनता से माफी मांगनी चाहिए।" महागठबंधन की चुनावी जीत पर विश्वास जताते हुए यादव ने कहा कि जनता अब एनडीए के चाल चरित्र को समझ चुकी है और उनके गठबंधन को जीत दिलाएगी।
एनडीए ने शुक्रवार को पटना में अपना घोषणापत्र 'संकल्प पत्र' जारी किया, जिसमें एक करोड़ से अधिक सरकारी नौकरियाँ और रोजगार के अवसर प्रदान करने का वादा किया गया है। महागठबंधन ने कुछ दिन पहले अपना घोषणापत्र 'तेजस्वी का प्रण' भी जारी किया है।