तेजस्वी यादव का भाजपा पर गंभीर आरोप: मतदाता पंजीकरण में धांधली का दावा
राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाया है कि पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता पंजीकरण में धांधली की है। यादव ने कहा कि भीखू भाई दलसानिया ने गुजरात की मतदाता सूची से अपना नाम हटाकर बिहार में पंजीकरण कराया है। उन्होंने यह भी कहा कि दलसानिया का नाम हिंदी में नहीं, बल्कि गुजराती में लिखा गया है, जिससे पहचान में कठिनाई हो सकती है। यादव ने चुनाव आयोग पर भी सवाल उठाए हैं कि वह भाजपा की मदद कर रहा है।
Aug 13, 2025, 16:36 IST
तेजस्वी यादव का आरोप
राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने बुधवार को यह आरोप लगाया कि बिहार विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने अपना मतदाता पंजीकरण कई राज्यों में स्थानांतरित किया है। यादव ने X पर एक पोस्ट में कहा कि गुजरात के निवासी भीखू भाई दलसानिया, जो बिहार भाजपा के प्रदेश संगठन महासचिव हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा गृह मंत्री अमित शाह के करीबी सहयोगी माने जाते हैं, ने गुजरात की मतदाता सूची से अपना नाम हटाकर बिहार में मतदाता के रूप में पंजीकरण कराया है।
यादव ने लिखा कि यह भीखू भाई दलसानिया हैं, जो गुजरात के निवासी हैं और बिहार भाजपा के प्रदेश संगठन महासचिव हैं। उन्हें भाजपा के विशेष बिहार प्रोजेक्ट का कार्य सौंपा गया है। यादव का कहना है कि दलसानिया पहले अमित शाह के गांधीनगर निर्वाचन क्षेत्र में मतदान करते थे और बिहार चुनाव के बाद किसी अन्य राज्य में पंजीकरण करा सकते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि 2024 के लोकसभा चुनावों में उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह के लोकसभा क्षेत्र गांधीनगर में मतदान किया था। अब, जैसे-जैसे बिहार विधानसभा चुनाव नज़दीक आ रहा है, उन्होंने गुजरात की मतदाता सूची से अपना नाम हटा लिया है और बिहार में मतदाता बन गए हैं। चुनाव समाप्त होने के बाद, वह संभवतः किसी अन्य राज्य में मतदाता बन सकते हैं। उन्हें यह स्पष्ट करना चाहिए कि वे पिछले पांच वर्षों में कितनी बार और किन राज्यों में मतदान कर चुके हैं।
यादव के अनुसार, बिहार की मतदाता सूची में दलसानिया का कोई पता या मकान नंबर नहीं है, और उनका नाम हिंदी के बजाय गुजराती में लिखा गया है, जिससे हिंदी भाषी मतदाताओं के लिए पहचानना मुश्किल हो सकता है। उन्होंने कहा कि जिस स्थान पर वह मतदाता के रूप में पंजीकृत हैं, वहां उनका कोई पता या मकान नंबर नहीं है। बिहार की मतदाता सूची में उनका नाम हिंदी में नहीं, बल्कि गुजराती में है, ताकि कोई भी हिंदी भाषी इसे पढ़ न सके। चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए यादव ने कहा कि इस बार हम हर विवरण पर ध्यान देंगे और बिहार में चुनाव आयोग की वोट चोरी को सफल नहीं होने देंगे।
इससे पहले, यादव ने आरोप लगाया था कि भारत का चुनाव आयोग भाजपा के साथ मिलकर अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं को दो मतदाता फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) नंबर जारी करके बिहार में मतदाता सूची में हेरफेर कर रहा है। पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए यादव ने कहा, "पहले हमने बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा के बारे में बात की थी। अब आप इसे अपराध कहें, गलती कहें या पर्दाफ़ाश, हमने पहले भी कहा था, लेकिन आज मैं आपको बताना चाहता हूँ कि चुनाव आयोग भाजपा की मदद कर रहा है और विपक्ष के वोट काट रहा है। भाजपा के लोगों को एक नहीं, बल्कि दो-दो ईपीआईसी नंबर दिए जा रहे हैं, वो भी एक ही विधानसभा में।"