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तेजस एमके 1ए: भारत का स्वदेशी लड़ाकू विमान तैयारियों में तेजी

भारत का स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस एमके 1ए अपनी पहली उड़ान के लिए तैयार है। एचएएल ने इसके लिए आवश्यक इंजन प्राप्त कर लिया है और भारतीय वायु सेना ने 83 विमानों का ऑर्डर दिया है। इस कार्यक्रम के तहत 97 अन्य विमानों की खरीद पर भी चर्चा चल रही है। जानें इस महत्वाकांक्षी योजना के बारे में और कैसे यह भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत कर रहा है।
 

तेजस एमके 1ए की पहली उड़ान की तैयारी

भारत का स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस एमके 1ए अब अपनी पहली उड़ान के लिए तैयार है। एचएएल ने नासिक स्थित संयंत्र से इस विमान के लिए चौथा जीईएफ 404 इंजन प्राप्त कर लिया है, जो जल्द ही भारत में पहुंच जाएगा। एचएएल का उद्देश्य तेजस एमके 1ए की आपूर्ति प्रक्रिया को तेज करना है। जैसे ही जीई से इंजन की आपूर्ति शुरू होगी, इस प्रक्रिया में तेजी लाई जाएगी।


भारतीय वायु सेना के लिए ऑर्डर और डिलीवरी

भारतीय वायु सेना ने 83 एलसीए मार्क 1ए लड़ाकू विमानों का ऑर्डर दिया है, और 97 अन्य विमानों की खरीद पर चर्चा चल रही है। भारत ने इस कार्यक्रम के लिए 2021 में जनरल इलेक्ट्रिक के साथ 716 मिलियन डॉलर का समझौता किया था, जिसमें 99 F404-IN20 इंजन शामिल हैं। हालांकि, आपूर्ति श्रृंखला में कुछ बाधाओं के कारण डिलीवरी में देरी हुई है, जिससे अब यह मार्च 2025 तक टल गई है। एचएएल ने यह पुष्टि की है कि वह इस वित्तीय वर्ष के लिए निर्धारित डिलीवरी लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।


तेजस कार्यक्रम की महत्वाकांक्षाएँ

भारतीय वायु सेना का लक्ष्य मार्क 1ए और मार्क 2 दोनों संस्करणों के तहत कुल 352 तेजस विमानों को शामिल करना है। इंजन की नियमित आपूर्ति और उत्पादन कार्यक्रम के साथ, तेजस कार्यक्रम भारत की स्वदेशी लड़ाकू विमान क्षमताओं को मजबूत करने के लिए रक्षा तैयारियों और परिचालन तत्परता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।