तुलसी: स्वास्थ्य और समृद्धि का प्रतीक
तुलसी का महत्व और संकेत
तुलसी का पौधा आपके जीवन में आने वाली मुसीबतों का संकेत देता है। यदि आपके घर में कोई संकट आने वाला है, तो इसका असर सबसे पहले तुलसी के पौधे पर दिखाई देता है। चाहे आप इसकी कितनी भी देखभाल करें, यह धीरे-धीरे सूखने लगता है। यह पौधा आपको पहले से ही चेतावनी देता है कि आपके परिवार को किसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
पुराणों के अनुसार, जब किसी घर में संकट आता है, तो सबसे पहले लक्ष्मी, जो तुलसी के रूप में मानी जाती है, वहां से चली जाती है। दरिद्रता और अशांति के स्थान पर लक्ष्मी का निवास नहीं होता। ज्योतिष के अनुसार, यह बुध ग्रह के प्रभाव के कारण होता है, जो हरे रंग पर प्रभाव डालता है और पेड़-पौधों का कारक ग्रह माना जाता है।
तुलसी के स्वास्थ्य लाभ
बुध ग्रह अन्य ग्रहों के शुभ और अशुभ प्रभावों को जातक तक पहुंचाता है। यदि कोई ग्रह अशुभ फल देता है, तो उसका प्रभाव तुलसी पर भी पड़ता है। वहीं, शुभ फल देने वाले ग्रहों के प्रभाव से तुलसी का पौधा फल-फूल से भर जाता है। प्रतिदिन चार तुलसी की पत्तियां सुबह खाली पेट खाने से मधुमेह, रक्त विकार, वात, पित्त आदि समस्याएं दूर होती हैं।
तुलसी के पास बैठकर कुछ समय बिताने से श्वास रोग, जैसे अस्थमा, से राहत मिलती है। घर में तुलसी का पौधा न केवल स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है, बल्कि यह वास्तु दोषों को भी दूर करने में मदद करता है।
तुलसी के पौधे के उपयोग
- तुलसी का गमला रसोई के पास रखने से पारिवारिक कलह समाप्त होती है।
- कन्या के विवाह में विलंब हो रहा हो तो अग्नि कोण में तुलसी के पौधे को रखकर जल अर्पित करने से विवाह में तेजी आती है।
- यदि कारोबार में परेशानी हो, तो दक्षिण-पश्चिम में तुलसी का गमला रखकर शुक्रवार को कच्चा दूध अर्पित करें।
- नौकरी में उच्चाधिकारी से परेशानी हो, तो ऑफिस में तुलसी के बीज दबाने से सम्मान में वृद्धि होती है।
तुलसी के औषधीय गुण
तुलसी का पौधा असाध्य रोगों को भी खत्म करने की क्षमता रखता है। इसके सभी भागों में अद्भुत गुण होते हैं। आयुर्वेद में तुलसी का महत्वपूर्ण स्थान है। इसके पत्तों का सेवन खांसी, विष, श्वास, कफ, और अन्य बीमारियों में लाभकारी होता है।
तुलसी के विभिन्न प्रकार जैसे श्रीकृष्ण तुलसी, लक्ष्मी तुलसी, और राम तुलसी, सभी के अपने अलग-अलग गुण हैं। इसके नियमित सेवन से शरीर में ताकत और स्मरण शक्ति में वृद्धि होती है।
धूम्रपान और नींद
अस्थमा से बचने के लिए धूम्रपान का त्याग करना आवश्यक है। इसके अलावा, अच्छी नींद के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। सोने से पहले दिनभर की चिंताओं को छोड़कर आराम से लेटें।