तुलसी के पौधे से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें: रात में तोड़ने के नियम और वैज्ञानिक कारण
तुलसी का महत्व और नियम
हिंदू धर्म में तुलसी को अत्यंत पवित्र माना जाता है और इसे देवी तुलसी के रूप में पूजा जाता है। विष्णु की पूजा में तुलसी का होना अनिवार्य है, इसके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है। तुलसी में कई औषधीय गुण होते हैं, इसलिए इसे स्वास्थ्य लाभ के लिए भी उपयोग किया जा सकता है। लेकिन, इसे तोड़ने के लिए कुछ विशेष नियम हैं, जिनका पालन न करने पर देवी तुलसी नाराज हो सकती हैं।
रात में तुलसी तोड़ने की मनाही
आपने अक्सर सुना होगा कि रात के समय तुलसी नहीं तोड़नी चाहिए। शास्त्रों में भी इस बात का उल्लेख है कि रात में तुलसी के पत्ते तोड़ना पाप माना जाता है। यदि आपको रात में तुलसी की आवश्यकता हो, तो इसे सूर्यास्त से पहले तोड़ना उचित है, ताकि आप इसका उपयोग पूजा में कर सकें।
श्रीकृष्ण से जुड़ी मान्यता
क्या आपने कभी सोचा है कि रात में तुलसी तोड़ने पर क्यों रोक है? दरअसल, तुलसी को राधा रानी का रूप माना जाता है, जो शाम के समय श्रीकृष्ण के साथ रास रचाती हैं। इस समय के बाद तुलसी को छूना वर्जित है। यदि आप इस समय तुलसी को छूते हैं, तो आपको तुलसी माता और श्रीकृष्ण दोनों का प्रकोप झेलना पड़ सकता है।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण
रात में तुलसी न तोड़ने के पीछे वैज्ञानिक कारण भी हैं। सूर्यास्त के बाद तुलसी के पौधे पर कई कीड़े-मकोड़े होते हैं, जो आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसके अलावा, रात में प्रकाश संश्लेषण नहीं होता, जिससे तुलसी कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ती है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है।
कब और क्यों नहीं तोड़ें तुलसी
आपको यह भी जानना चाहिए कि रात के अलावा कुछ विशेष दिनों पर भी तुलसी को नहीं तोड़ना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार, रविवार, मंगलवार और अमावस्या के दिन तुलसी को तोड़ने से बचना चाहिए। इन दिनों तुलसी को पानी भी नहीं देना चाहिए।
तुलसी का सही दिशा में रोपण
तुलसी के पौधे को सही दिशा में लगाने से अधिक लाभ मिलता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, तुलसी को उत्तर, उत्तर-पूर्व और पूर्व दिशा में लगाना चाहिए। इन दिशाओं में तुलसी लगाने से देवी की कृपा जल्दी मिलती है। इसके अलावा, तुलसी के पास सुबह और शाम घी का दीपक और अगरबत्ती लगाना भी आवश्यक है, जिससे तुलसी देवी सदा प्रसन्न रहें।