तुलसी के अद्भुत लाभ: राम तुलसी और श्याम तुलसी की विशेषताएँ
तुलसी के प्रकार और उनके लाभ
आज हम राजीव दीक्षित द्वारा लिखित तुलसी के फायदों पर चर्चा करेंगे। तुलसी की दो प्रमुख किस्में होती हैं: 'राम तुलसी' और 'श्याम तुलसी'। लगभग हर घर में तुलसी का पौधा पाया जाता है। आइए, इन दोनों किस्मों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
तुलसी की विशेषताएँ
तुलसी हर जगह पाई जाती है, चाहे वह घर हो, बाग या मंदिर। यह जंगली क्षेत्रों में भी स्वाभाविक रूप से उगती है। तुलसी की कई किस्में हैं, लेकिन गुण और उपयोगिता के मामले में काली तुलसी सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है। इसकी पत्तियाँ आमतौर पर हरी और काली होती हैं, और पौधा 1 से 4 फुट ऊँचा होता है।
राम तुलसी और श्याम तुलसी
राम तुलसी हल्के हरे रंग की होती है, जबकि श्याम तुलसी गहरे हरे रंग की होती है और कभी-कभी काली भी दिखती है। श्याम तुलसी में औषधीय गुण अधिक होते हैं, जबकि राम तुलसी में कम।
घर में लगाने के लिए उपयुक्त किस्म
यदि आप अपने घर में तुलसी लगाना चाहते हैं, तो श्याम तुलसी सबसे उपयुक्त है। यह पौधा किसी भी मौसम में लगाया जा सकता है और इसे गमले में भी उगाया जा सकता है।
श्याम तुलसी के उपयोग
श्याम तुलसी का उपयोग बुखार के इलाज में किया जा सकता है, चाहे वह बैक्टीरियल हो या वायरल। इसके सेवन से बुखार से राहत मिलती है।
श्याम तुलसी का सेवन करने के तरीके
श्याम तुलसी का सेवन करना आसान है। 15-20 पत्तों की चटनी बनाकर उसका रस निकालें और उसमें गुड़ या शहद मिलाएं। यह बुखार को कम करने में मदद करता है।
काढ़ा बनाने की विधि
तुलसी के पत्तों का काढ़ा बनाना सरल है। कुछ पत्तों को पानी में उबालें और जब पानी आधा रह जाए, तो उसमें गुड़ मिलाएं। यह काढ़ा बुखार को कम करने में प्रभावी है।
महिलाओं के लिए फायदेमंद
महिलाओं में लिकोरिया की समस्या के लिए श्याम तुलसी एक प्रभावी उपाय है। इसका नियमित सेवन इस समस्या से राहत दिला सकता है।
तुलसी के गुण
आयुर्वेद के अनुसार: तुलसी हल्की, गर्म, तीखी और पाचन शक्ति बढ़ाने वाली होती है। यह कई रोगों का इलाज करती है।
यूनानी चिकित्सकों के अनुसार: तुलसी बल बढ़ाने वाली और हृदय के लिए लाभकारी होती है।
वैज्ञानिकों के अनुसार: तुलसी के बीजों में कई महत्वपूर्ण तत्व पाए जाते हैं।
तुलसी के धार्मिक महत्व
हिंदू धर्म में तुलसी को विशेष महत्व दिया गया है। इसे पूजा जाता है और इसे घरों में लगाने से कई लाभ होते हैं।
हानिकारक प्रभाव
चरक संहिता के अनुसार, तुलसी के साथ दूध का सेवन नहीं करना चाहिए। अधिक मात्रा में सेवन मस्तिष्क के लिए हानिकारक हो सकता है।