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तांबे की कीमतों में उछाल: निवेशकों के लिए नया अवसर

इस वर्ष 2025 में सोने और चांदी की कीमतों में वृद्धि के बीच, तांबा तेजी से एक प्रमुख धातु के रूप में उभर रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि तांबे की कीमतों में भारी उछाल आने वाला है, जो निवेशकों के लिए नए अवसर प्रदान कर सकता है। सप्लाई में कमी और इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती मांग इसके पीछे के मुख्य कारण हैं। जानें तांबे के बाजार की स्थिति और भविष्य की संभावनाएँ।
 

तांबे का उभरता हुआ बाजार

नई दिल्ली: इस वर्ष 2025 में सोने और चांदी की कीमतों में वृद्धि ने सभी को चौंका दिया है। हालाँकि, अब एक अन्य धातु, तांबा, तेजी से बाजार में अपनी जगह बना रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि तांबे की कीमतों में भारी उछाल आने वाला है, और इसके पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हैं।


तांबे की बढ़ती मांग

तांबा एक स्थिर औद्योगिक धातु के रूप में जाना जाता रहा है, लेकिन अब इसे एक प्रमुख व्यापारिक स्रोत के रूप में देखा जा रहा है। RKB Ventures के संस्थापक राकेश बंसल ने बताया कि सप्लाई में बाधाएं और इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) तथा ऊर्जा संक्रमण के कारण तांबे की मांग में वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में तांबे की कीमतों में तेजी देखने को मिलेगी।


आपूर्ति में कमी का प्रभाव

रिपोर्ट के अनुसार, तांबे के बाजार में इस वर्ष 1,24,000 टन और अगले वर्ष 2026 में 1,50,000 टन की कमी की संभावना है। बंसल ने बताया कि यह कमी तांबे की कीमतों में वृद्धि का मुख्य कारण बनेगी। उन्होंने तांबे की भूमिका को बिजली के उपयोग में संरचनात्मक वृद्धि से जोड़ा है।


तांबा: निवेश का नया विकल्प

राकेश बंसल ने सोशल मीडिया पर लिखा कि तांबा अब निवेशकों के लिए एक सुरक्षित विकल्प बन रहा है। उन्होंने कहा कि तांबे की कीमतें तेजी से बढ़ने वाली हैं और यह एक करोड़पति बनाने वाला अवसर हो सकता है।


वैश्विक बाजार में तांबे की स्थिति

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि तांबे की कीमतें इस वर्ष 35% बढ़ चुकी हैं, जो 2009 के बाद से सबसे बड़ी वृद्धि है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि 2026 में वैश्विक तांबे की मांग 27 मिलियन टन तक पहुँच जाएगी।