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तमिलनाडु सरकार का बड़ा सर्वेक्षण: 1.91 करोड़ परिवारों की कल्याण योजनाओं का मूल्यांकन

तमिलनाडु सरकार ने आगामी विधानसभा चुनावों से पहले 1.91 करोड़ परिवारों का सर्वेक्षण करने का निर्णय लिया है। यह सर्वेक्षण कल्याणकारी योजनाओं के प्रभाव का आकलन करेगा और 12 दिनों तक चलेगा। 55,706 स्वयं सहायता समूहों के सदस्य शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर डेटा एकत्र करेंगे। इस पहल का उद्देश्य सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों तक पहुंचने की व्यापक तस्वीर प्राप्त करना है। सरकार ने इस कार्य के लिए 43.52 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
 

तमिलनाडु में कल्याणकारी योजनाओं का सर्वेक्षण

आगामी विधानसभा चुनावों से पहले, तमिलनाडु सरकार ने राज्यभर में लगभग 1.91 करोड़ परिवारों का सर्वेक्षण करने का निर्णय लिया है। यह कदम कल्याणकारी योजनाओं के प्रभाव का आकलन करने के लिए उठाया गया है। यह सर्वेक्षण नए साल से शुरू होकर 12 दिनों तक चलेगा, जिसका उद्देश्य विभिन्न सरकारी पहलों की पहुंच और प्रभावशीलता का मूल्यांकन करना है। इस कार्य को 55,706 स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के सदस्यों द्वारा किया जाएगा, जो शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर डेटा एकत्र करेंगे। लोक कल्याण विभाग (मुधलवरिन मुगावरी) इस पहल का समन्वय करेगा, जिससे सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों तक पहुंचने की व्यापक तस्वीर प्राप्त होने की उम्मीद है।


विभाग की सचिव रीता हरीश ठक्कर द्वारा जारी एक आदेश के अनुसार, यह सर्वेक्षण तमिलनाडु ई-गवर्नेंस एजेंसी (टीएनईजीए) द्वारा बनाए गए लाभार्थी डेटाबेस का उपयोग करके कल्याणकारी कार्यक्रमों के वितरण और प्रभाव का आकलन करेगा। सर्वेक्षण के दौरान एकत्रित आंकड़ों का विश्लेषण नीति कार्यान्वयन में सुधार और सेवा वितरण में कमियों की पहचान के लिए किया जाएगा। इस प्रक्रिया की निगरानी के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है, जिसमें ग्रामीण विकास और राजस्व विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के प्रधान सचिव, टीएनईजीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और तमिलनाडु महिला विकास निगम (टीएनसीडीडब्ल्यू) के प्रबंध निदेशक शामिल हैं।


आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, तमिलनाडु में कुल 2.26 करोड़ राशन कार्ड हैं, जिनमें से 89.03 लाख शहरी क्षेत्रों में और 1.37 करोड़ ग्रामीण क्षेत्रों में हैं। इनमें से 1.57 करोड़ परिवार वर्तमान में एक या अधिक कल्याणकारी लाभ प्राप्त कर रहे हैं। सर्वेक्षण में राज्यभर के लगभग 1.90 करोड़ परिवारों को शामिल किए जाने की उम्मीद है। इस कार्य के लिए सरकार ने 43.52 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जिसमें से 21 करोड़ रुपये तमिलनाडु जनित पशु एवं परिवार कल्याण संगठन (टीएनसीडीडब्ल्यू) के लिए निर्धारित किए गए हैं। प्रत्येक स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) के सदस्य को प्रतिदिन 30 परिवार आवंटित किए जाएंगे और उन्हें 12 दिनों की सर्वेक्षण अवधि के लिए 6,000 रुपये का पारिश्रमिक दिया जाएगा।