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तमिलनाडु में भगदड़ मामले में विजय की गिरफ्तारी पर मंत्री का बयान

तमिलनाडु के मंत्री दुरई मुरुगन ने करूर में हुई भगदड़ के मामले में अभिनेता-राजनेता विजय की गिरफ्तारी को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यदि कोई ठोस सबूत हैं, तो सरकार कार्रवाई करेगी। इस घटना के बाद न्यायालय ने विजय और पार्टी सदस्यों की भूमिका पर सवाल उठाया है। मंत्री ने सुरक्षा प्रोटोकॉल की समीक्षा के लिए एक समिति के गठन की भी जानकारी दी। जानें इस मामले में और क्या हो रहा है।
 

राज्य सरकार का स्पष्ट संदेश

तमिलनाडु के मंत्री दुरई मुरुगन ने शनिवार को स्पष्ट किया कि राज्य सरकार अभिनेता-राजनेता और टीवीके प्रमुख विजय को 27 सितंबर को करूर में हुई भगदड़ के मामले में बेवजह गिरफ्तार नहीं करेगी। मुरुगन ने कहा कि यदि कोई ठोस सबूत हैं, तो सरकार अपने कर्तव्यों का पालन करेगी। उन्होंने यह भी बताया कि सभी राजनीतिक दलों को अपने आयोजनों में शामिल होने वाले लोगों की संख्या का ध्यान रखना चाहिए और उसी के अनुसार स्थान का चयन करना चाहिए।


मंत्री ने यह भी बताया कि राजनीतिक रैलियों के लिए सुरक्षा प्रोटोकॉल की समीक्षा करने के लिए एक समिति का गठन किया जा रहा है।


घटना के बाद की स्थिति

करूर में टीवीके के एक अभियान के दौरान भगदड़ मच गई, जिसके बाद टीवीके के महासचिव एन आनंद और अन्य के खिलाफ मामले दर्ज किए गए। मद्रास उच्च न्यायालय ने विजय और पार्टी सदस्यों की भूमिका पर सवाल उठाते हुए त्रासदी के बाद उनकी अनुपस्थिति को उजागर किया। न्यायालय की मदुरै पीठ ने कहा कि विजय घटनास्थल से भाग गए और पार्टी ने कोई पछतावा नहीं दिखाया।


इस घटना की जांच के लिए चेन्नई उत्तर क्षेत्र के आईजी असरा गर्ग के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है, और जांच फाइलें करूर से चेन्नई स्थानांतरित की जा रही हैं।


न्यायालय की टिप्पणियाँ

सुनवाई के दौरान, न्यायमूर्ति सेंथिलकुमार ने आयोजन के संचालन को लेकर आयोजकों और पुलिस दोनों की आलोचना की। उन्होंने टीवीके द्वारा सोशल मीडिया पर गलत समय-सारिणी और भ्रामक घोषणाओं पर भी ध्यान दिया। अदालत ने पार्टी नेता आधव अर्जुन के खिलाफ भी कार्रवाई का निर्देश दिया है और भविष्य की रैलियों के लिए अनुमति प्रोटोकॉल की समीक्षा हेतु एक जनहित याचिका पर विचार कर रही है।