×

तमिलनाडु में प्राचीन शिव मंदिर की खुदाई में मिले सोने के सिक्के

तमिलनाडु के तिरुवन्नामलाई जिले में एक प्राचीन शिव मंदिर की खुदाई के दौरान सोने के सिक्के मिले हैं, जो चोल साम्राज्य के ऐतिहासिक महत्व को उजागर करते हैं। स्थानीय लोगों का मानना है कि युद्ध के समय धन छिपाने के लिए इसे सुरक्षित रखा गया था। पुरातत्व विभाग अब इन सिक्कों का अध्ययन कर रहा है, जिससे इस क्षेत्र के इतिहास के बारे में नई जानकारियाँ मिल सकती हैं। जानें इस रोचक खोज के बारे में और क्या-क्या जानकारी सामने आ सकती है।
 

खुदाई के दौरान मिली दिव्य शक्ति

शिव मंदिरImage Credit source: AI

तमिलनाडु के तिरुवन्नामलाई जिले में स्थित एक शिव मंदिर, जो अब खंडहर में तब्दील हो चुका था, के जीर्णोद्धार का कार्य शुरू किया गया। ग्रामीणों ने सोचा कि मंदिर को फिर से जीवित किया जाए। इस प्रक्रिया में, मूर्तियों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित किया गया और खुदाई का काम आरंभ हुआ। खुदाई के दौरान, श्रमिकों ने एक चमकदार वस्तु देखी, जिससे उन्हें यह आभास हुआ कि यह कोई दिव्य शक्ति है। लेकिन जब उन्होंने और खुदाई की, तो एक महत्वपूर्ण रहस्य सामने आया।

असल में, प्राचीन शिव मंदिर के पुनर्निर्माण के दौरान सोने के सिक्के प्राप्त हुए। इस बारे में पुरातत्व विभाग को सूचित किया गया, और अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे, जहां उन्होंने सिक्कों को जब्त कर लिया। ये सिक्के केवल धातु के टुकड़े नहीं हैं, बल्कि दक्षिण भारत के चोल साम्राज्य के ऐतिहासिक महत्व का प्रतीक माने जाते हैं.


चोल साम्राज्य के सिक्कों का महत्व

किस राजा के सिक्के हैं?

चोल साम्राज्य, दक्षिण भारत के इतिहास में एक प्रमुख राजवंश रहा है। इस काल में कला, मंदिर निर्माण और आर्थिक व्यवस्थाएं अपने चरम पर थीं। पुरातत्वविदों का मानना है कि जावदुमलाई पहाड़ियों में मिले सिक्के उस समय के व्यापारिक संबंधों और मंदिर प्रबंधन के बारे में नई जानकारी प्रदान करेंगे।

वर्तमान में, पुरातत्व विभाग सिक्कों की निर्माण विधि, प्रतीकों, लिपि और उन पर अंकित चित्रों का गहन अध्ययन कर रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस शोध से यह स्पष्ट होगा कि ये सिक्के किस राजा के हैं और उनकी उम्र क्या है.


क्या धन छिपाने का था यह मामला?

स्थानीय मान्यता

स्थानीय निवासियों का मानना है कि युद्ध के समय इस मंदिर में धन छिपाया गया था ताकि इसे लूटने से बचाया जा सके। ग्रामीण इस बात से प्रसन्न हैं कि उनके गांव का ऐतिहासिक महत्व इतना बड़ा है। अब, पुरातत्व विभाग ने इस मंदिर को अपने नियंत्रण में ले लिया है और पुलिस के सहयोग से सुरक्षा व्यवस्था की गई है। अधिकारियों ने न केवल मंदिर के आसपास, बल्कि आस-पास के गांवों में भी खोज का विस्तार करने का निर्णय लिया है। उन्हें उम्मीद है कि इस क्षेत्र के इतिहास से जुड़े और भी महत्वपूर्ण साक्ष्य प्राप्त होंगे.