×

तमिलनाडु भर्ती घोटाले का खुलासा: ED ने किया बड़ा आरोप

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने तमिलनाडु में एक बड़े भर्ती घोटाले का खुलासा किया है, जिसमें 2,538 पदों के लिए उम्मीदवारों से करोड़ों रुपये की रिश्वत मांगी गई। यह मामला मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के नेतृत्व में हुई भर्तियों से जुड़ा है। ED की रिपोर्ट में भर्ती परीक्षा में धांधली और प्रभावशाली राजनीतिक हस्तियों की संलिप्तता का भी जिक्र है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और इसके संभावित राजनीतिक प्रभाव।
 

भर्ती घोटाले का खुलासा

ED ने खोला 2,538 पदों का भ्रष्टाचार जाल

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने तमिलनाडु पुलिस को एक गंभीर पत्र भेजा है, जिसमें राज्य के नगर प्रशासन एवं जल आपूर्ति विभाग (MAWS) में भर्ती के दौरान बड़े पैमाने पर रिश्वतखोरी के आरोप लगाए गए हैं। ED का कहना है कि इस विभाग में 2,538 पदों के लिए भर्ती के समय प्रत्येक उम्मीदवार से 25 से 35 लाख रुपये की रिश्वत ली गई। ये भर्तियां अगस्त 2025 में हुई थीं, और नियुक्ति पत्र मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने 6 अगस्त को वितरित किए थे।

यह खुलासा एक मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के दौरान हुआ, जो ट्रू वैल्यू होम्स (TVH) नामक कंपनी से संबंधित है। यह कंपनी MAWS मंत्री केएन नेहरू के भाई एन. रविचंद्रन से जुड़ी बताई जा रही है।

भर्ती परीक्षा में धांधली

जांच के दौरान ED को कई सबूत मिले, जो दर्शाते हैं कि भर्ती परीक्षा में धांधली की गई थी। यह परीक्षा अन्ना यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित की गई थी, और कुछ प्रभावशाली राजनीतिक व्यक्तियों ने इसमें हस्तक्षेप कर कम से कम 150 उम्मीदवारों को फर्जी तरीके से पास करवाया।

ED ने तमिलनाडु पुलिस को 232 पन्नों की एक रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें पूरी साजिश का विवरण है। रिपोर्ट में यह बताया गया है कि किसने पैसे लिए, पैसे कैसे पहुंचाए गए, किन उम्मीदवारों को लाभ मिला और परीक्षा प्रक्रिया में किस स्तर पर गड़बड़ी हुई। इसमें 150 उम्मीदवारों के नाम और उनकी फर्जी मेरिट की जानकारी भी शामिल है।

ED ने यह पत्र PMLA की धारा 66(2) के तहत तमिलनाडु पुलिस प्रमुख को भेजा है। एजेंसी ने राज्य पुलिस से इस भर्ती घोटाले की आपराधिक जांच शुरू करने और अन्ना यूनिवर्सिटी के अधिकारियों की भूमिका की भी जांच करने का अनुरोध किया है।

भर्ती प्रक्रिया का समय

भर्ती प्रक्रिया जनवरी 2024 में शुरू हुई थी, जिसमें लगभग 1.12 लाख उम्मीदवारों ने आवेदन किया था। इसमें असिस्टेंट इंजीनियर, जूनियर इंजीनियर, टाउन प्लानिंग ऑफिसर और सेनेटरी इंस्पेक्टर के पद शामिल थे। नियुक्ति पत्र अगस्त 2025 में वितरित किए गए।

यह मामला तमिलनाडु की राजनीति में एक बड़ा तूफान खड़ा कर सकता है। यदि ED के आरोप सही साबित होते हैं, तो यह राज्य के सबसे बड़े कैश फॉर जॉब्स भर्ती घोटालों में से एक बन सकता है।