तमिलनाडु के राज्यपाल ने विधेयकों की मंजूरी में देरी के आरोपों का खंडन किया
राजभवन का स्पष्टीकरण
राजभवन ने यह स्पष्ट किया है कि तमिलनाडु के राज्यपाल आर एन रवि ने विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों को मंजूरी देने में कोई देरी नहीं की है। उन्होंने बताया कि 81 प्रतिशत विधेयकों को स्वीकृति मिल चुकी है। राजभवन ने आरोपों का विरोध करते हुए कहा कि राज्यपाल पर लगाए गए कुछ आरोप निराधार और तथ्यात्मक रूप से गलत हैं।
राजभवन के आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, 31 अक्टूबर तक प्राप्त कुल विधेयकों में से 81 प्रतिशत को मंजूरी दी गई है। इनमें से 95 विधेयकों को तीन महीने के भीतर स्वीकृत किया गया। एक विज्ञप्ति में बताया गया कि 13 प्रतिशत विधेयक राष्ट्रपति के विचारार्थ सुरक्षित रखे गए हैं, जिनमें से 60 प्रतिशत राज्य सरकार की सिफारिश पर सुरक्षित रखे गए हैं।
विधेयकों की स्थिति
बचे हुए विधेयक अक्टूबर 2025 के अंतिम सप्ताह में प्राप्त हुए हैं और अभी विचाराधीन हैं। राजभवन ने सोशल मीडिया और सार्वजनिक डोमेन में किए गए दावों की असत्यता को उजागर करने का आश्वासन दिया है। विधानसभा में वापस लाए गए और पुनः पारित विधेयकों को स्वीकृति दी गई है। हालांकि, राज्यपाल ने 10 विधेयकों को रोक लिया है और इस संबंध में निर्णय सरकार को सूचित कर दिया गया है।
बयान में यह भी कहा गया कि जब ये विधेयक विधानसभा द्वारा पुनः पारित किए गए, तो राज्यपाल ने इन्हें भारत के राष्ट्रपति के विचारार्थ सुरक्षित रख लिया, क्योंकि ये संसद के अधिनियम के तहत बनाए गए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के नियमों के विपरीत थे।