तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने नकली आध्यात्मिकता और राजनीतिक चालों की आलोचना की
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने हाल ही में धर्म के नाम पर फैल रही नकली आध्यात्मिकता और राजनीतिक नाटक की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि राज्य में इस प्रकार की गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उनका यह बयान हिंदू मुन्नानी द्वारा आयोजित 'मुरुगन भक्त सम्मेलन' के संदर्भ में आया है, जिसे भाजपा के राजनीतिक प्रयासों से जोड़ा जा रहा है। स्टालिन ने भाजपा और एआईएडीएमके पर आरोप लगाया कि वे जनता को धार्मिक और जातीय आधार पर विभाजित करने की कोशिश कर रहे हैं। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी।
Jun 27, 2025, 12:44 IST
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की तीखी टिप्पणी
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने धर्म के नाम पर फैल रही नकली आध्यात्मिकता और राजनीतिक नाटक की कड़ी निंदा की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि राज्य में इस प्रकार की गतिविधियों को सहन नहीं किया जाएगा। यह बयान हिंदू मुन्नानी द्वारा हाल ही में आयोजित 'मुरुगन भक्तरगल मानदु' (भगवान मुरुगन भक्त सम्मेलन) के संदर्भ में आया है, जिसे भाजपा द्वारा राजनीतिक प्रभाव बढ़ाने के प्रयास के रूप में देखा गया था।
स्टालिन ने मीडिया से बातचीत में आरोप लगाया कि भाजपा और एआईएडीएमके मिलकर तमिलनाडु की जनता को धार्मिक और जातीय आधार पर विभाजित करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र में बैठे लोग लगातार तमिलनाडु के लोगों को धर्म और जाति के नाम पर बांटने का प्रयास कर रहे हैं। जब उनकी यह योजना सफल नहीं हुई, तो उन्होंने एआईएडीएमके के साथ गठबंधन कर लिया। इसके अलावा, उन्होंने भाजपा के दावों का खंडन करते हुए कहा कि असली खतरा उनके गठबंधन पर है, न कि धर्म पर। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य में "नकली आध्यात्मिकता और राजनीतिक नाटक" के लिए कोई स्थान नहीं होगा।
सीएम ने यह भी कहा कि भाजपा ने पहले अपनी सदस्यता बढ़ाने के लिए मिस्ड कॉल अभियानों का सहारा लिया, और जब वह असफल रही, तो अब वह राजनीतिक लाभ के लिए धर्म का दुरुपयोग कर रही है। मुख्यमंत्री का यह बयान मुरुगन सम्मेलन में एआईएडीएमके नेताओं की भागीदारी की आलोचना के बाद आया है, जिसमें कुछ वीडियो क्लिप में पेरियार और पूर्व मुख्यमंत्री सीएन अन्नादुरई जैसे विचारकों को नकारात्मक रूप में प्रस्तुत किया गया था। हालांकि एआईएडीएमके ने आधिकारिक तौर पर कार्यक्रम से खुद को अलग कर लिया, लेकिन इसके कई पूर्व मंत्रियों की उपस्थिति ने राजनीतिक विवाद को जन्म दिया।