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तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने अल्पसंख्यकों पर हमलों की निंदा की

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने हाल ही में अल्पसंख्यकों पर हमलों की कड़ी निंदा की है। उन्होंने दंगाइयों पर नियंत्रण पाने को एक सामूहिक जिम्मेदारी बताया और भाजपा के सत्ता में आने के बाद अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत भरे भाषणों में वृद्धि का दावा किया। वाइको और टीवीके जैसे राजनीतिक नेताओं ने भी इस मुद्दे पर अपनी चिंताएं व्यक्त की हैं। स्टालिन ने कहा कि बहुसंख्यक समुदाय की असली ताकत अल्पसंख्यकों को सुरक्षित जीवन जीने की अनुमति देने में निहित है।
 

मुख्यमंत्री स्टालिन का बयान

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने बृहस्पतिवार को कहा कि अल्पसंख्यकों पर होने वाले हमले पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं। उन्होंने दंगाइयों पर नियंत्रण पाने को एक सामूहिक और आवश्यक जिम्मेदारी बताया, जिसे दृढ़ता से लागू किया जाना चाहिए।


राजनीतिक नेताओं की प्रतिक्रिया

मरुमलार्ची द्रविड़ मुनेत्र कषगम (एमडीएमके) के महासचिव वाइको और विजय के नेतृत्व वाले तमिलगा वेत्री कषगम (टीवीके) ने भी ईसाई पूजा स्थलों पर हुए कथित हमलों की निंदा की। स्टालिन ने कहा कि बहुसंख्यक समुदाय की असली ताकत और चरित्र अल्पसंख्यकों को सुरक्षित जीवन जीने की अनुमति देने में है।


सोशल मीडिया पर स्टालिन का संदेश

स्टालिन ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा, "जब कुछ दक्षिणपंथी हिंसक समूह बहुसंख्यक होने का दावा करते हुए हमले करते हैं, तो यह राष्ट्र के लिए एक चिंताजनक संकेत है।"


अल्पसंख्यकों पर हमलों की बढ़ती घटनाएं

उन्होंने मणिपुर के बाद जबलपुर, रायपुर और अन्य स्थानों पर अल्पसंख्यकों पर हमलों की खबरों को अस्वीकार्य बताया। स्टालिन ने कहा कि समाज को बांटने वाले दंगाइयों पर नियंत्रण पाना एक साझा जिम्मेदारी है।


भाजपा पर आरोप

मुख्यमंत्री ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सत्ता में आने के बाद अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत भरे भाषणों में 74 प्रतिशत की वृद्धि का दावा किया, जिसे उन्होंने गंभीर खतरे के रूप में देखा।


वाइको की मांग

वाइको ने रायपुर और जबलपुर में गिरजाघरों और ईसाइयों को निशाना बनाने वाली 'हिंदुत्ववादी भीड़' की कड़ी निंदा की और संबंधित राज्य सरकारों से हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।


टीवीके की अपील

टीवीके के प्रचार महासचिव के. जी. अरुणराज ने गिरजाघरों पर हुए हमलों की निंदा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इन कृत्यों की निंदा करने और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की।