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तमिलनाडु एटीएस ने आंध्र प्रदेश में दो संदिग्ध आतंकवादियों को किया गिरफ्तार

तमिलनाडु के आतंकवाद निरोधक दस्ते ने आंध्र प्रदेश के अन्नामय्या जिले में दो संदिग्ध आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है। इनमें से एक, अबूबकर सिद्दीकी, 30 साल से फरार था और कई बम विस्फोटों में शामिल रहा है। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए इनाम की घोषणा की थी। इस कार्रवाई में केंद्रीय खुफिया एजेंसियों की मदद भी ली गई। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और सिद्दीकी की आतंकवादी गतिविधियों के बारे में।
 

आतंकवादियों की गिरफ्तारी

तमिलनाडु के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने आंध्र प्रदेश के अन्नामय्या जिले में दो फरार संदिग्ध आतंकवादियों को पकड़ने में सफलता हासिल की है। खुफिया जानकारी के आधार पर, एटीएस की एक विशेष टीम ने अबूबकर सिद्दीकी और उसके सहयोगी मोहम्मद अली, जिसे यूनुस या मंसूर के नाम से भी जाना जाता है, को उनके ठिकाने से गिरफ्तार किया।


गिरफ्तारी का विवरण

पुलिस ने बताया कि 30 साल पहले मदुरै में पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी की रथयात्रा के दौरान पाइप बम लगाने की कोशिश में शामिल अबूबकर सिद्दीकी को आंध्र प्रदेश से गिरफ्तार किया गया है। सिद्दीकी दक्षिण भारत में कई बम विस्फोटों में शामिल रहा है।


पुलिस ने तीन दशकों से सिद्दीकी की तलाश की थी और उसकी सूचना देने वाले को पांच लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की थी।


सिद्दीकी और उसके सहयोगी की गतिविधियाँ

पुलिस के एक बयान में कहा गया है कि 60 वर्षीय सिद्दीकी के साथ तिरुनेलवेली के एक अन्य भगोड़े मोहम्मद अली को भी गिरफ्तार किया गया है।


बयान में यह भी कहा गया कि ये दोनों कई बम विस्फोटों और सांप्रदायिक हत्याओं में शामिल रहे हैं और तीन दशकों से पुलिस की पकड़ से बचते आ रहे थे। उन्हें गुप्त सूचना और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों की मदद से पकड़ा गया।


आतंकवादी मामलों में संलिप्तता

सिद्दीकी कई प्रमुख आतंकवादी मामलों में आरोपी है, जिनमें 1995 में चिंताद्रिपेट में हिंदू मुन्नानी के कार्यालय में बम विस्फोट, नागौर में हिंदू दक्षिणपंथी कार्यकर्ता टी मुथुकृष्णन की हत्या और 1999 में चेन्नई पुलिस आयुक्त कार्यालय में बम लगाने के मामले शामिल हैं।