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डॉ. मुजफ्फर की गिरफ्तारी के लिए CBI ने इंटरपोल से मांगी मदद

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने डॉ. मुजफ्फर की गिरफ्तारी के लिए CBI के माध्यम से इंटरपोल से मदद मांगी है। मुजफ्फर, जो एक महत्वपूर्ण टेरर मॉड्यूल का सदस्य है, अगस्त में भारत छोड़कर दुबई गया था और अब अफगानिस्तान में छिपा हुआ है। उसकी गिरफ्तारी से कई देशों में फैले टेरर नेटवर्क के कनेक्शन उजागर हो सकते हैं। इस मामले में तुर्की यात्रा और कट्टरपंथी गतिविधियों का भी जिक्र है। जानें पूरी कहानी में क्या है।
 

डॉ. मुजफ्फर की तलाश में CBI की कार्रवाई

डॉक्टर मुजफ्फर

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सीबीआई के माध्यम से इंटरपोल से सहायता मांगी है। डॉ. मुजफ्फर के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की प्रक्रिया चल रही है। वह काजीगुंड का निवासी है और एक इंटरस्टेट व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल का महत्वपूर्ण सदस्य माना जाता है। मुजफ्फर, डॉ. आदिल का बड़ा भाई है, जो दिल्ली के लाल किला कार ब्लास्ट मामले में पकड़े गए आठ आरोपियों में से एक है।

जांच में यह सामने आया है कि मुजफ्फर अगस्त में भारत छोड़कर दुबई गया और अब उसे अफगानिस्तान में छिपा हुआ माना जा रहा है। वह भारत के टेरर मॉड्यूल और पाकिस्तान के हैंडलर्स के बीच एक कड़ी के रूप में कार्य करता था। उसका संचालन अफगानिस्तान से होता था और वह जैश के हैंडलर उकाशा के संपर्क में था।

तुर्की यात्रा का रहस्य

इस मामले में तुर्की का भी एक कनेक्शन सामने आया है। 2022 में मुजफ्फर और डॉक्टर मुजम्मिल शकील ने तुर्की की यात्रा की थी, जहां उन्होंने उकाशा से मुलाकात की। इस मुलाकात में फंडिंग और हमलों की योजना को अंतिम रूप दिया गया। इसके बाद मुजफ्फर ने दुबई से अपने नेटवर्क का संचालन किया। आदिल की गिरफ्तारी के बाद वह तुरंत अफगानिस्तान भाग गया। परिवार में कट्टरपंथ फैलाने का आरोप भी मुजफ्फर पर है। पुलिस का मानना है कि उसने आदिल को कट्टरपंथ की ओर बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

कट्टरपंथी नेटवर्क का विस्तार

यह टेरर मॉड्यूल दो टेलीग्राम ग्रुप से प्रभावित था, जो कट्टरपंथी सामग्री प्रदान करते थे। तुर्की से लौटने के बाद मुजम्मिल ने फरीदाबाद की एक यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया। आदिल की पोस्टिंग सहारनपुर (UP) में हुई। इसके बाद इस ग्रुप की गतिविधियों में तेजी आई। पुलिस इंटरपोल के माध्यम से डॉ. मुजफ्फर को पकड़ने की कोशिश कर रही है, क्योंकि एजेंसियों का मानना है कि वह इस टेरर नेटवर्क का प्रमुख है। उसकी गिरफ्तारी से कई देशों में फैले नेटवर्क के कनेक्शन उजागर हो सकते हैं।