डॉ. उमर से जुड़े आतंकी मॉड्यूल की जांच में नए सबूत सामने आए
आतंकी मॉड्यूल की जांच में महत्वपूर्ण जानकारी
जांचकर्ताओं ने डॉ. उमर से संबंधित एक आतंकवादी नेटवर्क की जांच के दौरान एक संगठित ढांचे, एन्क्रिप्टेड संचार माध्यमों और हथियारों की व्यवस्थित आवाजाही के संकेत पाए हैं। सुरक्षा एजेंसियों ने डॉ. उमर को उस व्यक्ति के रूप में पहचाना है जो विस्फोटकों से भरी कार चला रहा था, जो 10 नवंबर को लाल किले पर हुए विस्फोट में शामिल था। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी सोमवार को साझा की।
संचार के लिए एन्क्रिप्टेड प्लेटफॉर्म का उपयोग
सूत्रों के अनुसार, उमर ने लगभग तीन महीने पहले एक विशेष नाम के तहत एक सिग्नल समूह स्थापित किया था। इस एन्क्रिप्टेड प्लेटफॉर्म में मुजम्मिल, अदील, मुजफ्फर और इरफान को जोड़ा गया था, जिसका उपयोग आंतरिक समन्वय के लिए किया गया।
हथियारों की बरामदगी से मिली नई जानकारी
एक प्रमुख संदिग्ध डॉ. शाहीन की कार से एक क्रिंकोव राइफल और एक पिस्तौल सहित कई हथियार बरामद होने के बाद जांच में एक महत्वपूर्ण सुराग मिला। जांच से यह भी पता चला है कि उमर ने हथियार खरीदे और उन्हें 2024 में इरफान को सौंपने की योजना बनाई थी।
भूमिकाओं का स्पष्ट विभाजन
जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि इस मॉड्यूल के लिए वित्तीय सहायता मुख्य रूप से तीन डॉक्टरों, विशेषकर मुज़म्मिल द्वारा प्रदान की जानी थी। कश्मीरी युवकों की भर्ती का कार्य इरफ़ान उर्फ़ मुफ़्ती को सौंपा गया था, जिसने कथित तौर पर आरिफ़ निसार डार उर्फ़ साहिल और यासिर उल अशरफ़ को शामिल किया, जो अब गिरफ्तार हो चुके हैं।
हथियारों से संबंधित गतिविधियों की जांच
सूत्रों ने बताया कि जांच में कई हथियारों से संबंधित मामलों की रिपोर्ट दर्ज की गई है। अक्टूबर 2023 में, डॉ. अदील और डॉ. उमर एक बैग में राइफल लेकर मस्जिद अली में इरफ़ान से मिलने गए थे। नवंबर 2023 में, अदील फिर से राइफल लेकर इरफ़ान के घर पहुँचा। बाद में, डॉ. मुज़म्मिल और डॉ. शाहीन भी शामिल हुए। समूह ने हथियार इरफ़ान के पास छोड़ दिए। जांचकर्ताओं ने कहा कि अदील अगले दिन लौटा और हथियार ले गया। अधिकारियों का मानना है कि ये निष्कर्ष एक समन्वित नेटवर्क की ओर इशारा करते हैं जिसमें वित्तपोषण, भर्ती और हथियारों की व्यवस्थित आवाजाही शामिल है।