डिजिटल डेटा सुरक्षा के लिए नए DPDP नियम 2025 की घोषणा
डिजिटल डेटा सुरक्षा के लिए DPDP नियम 2025 की अधिसूचना
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण (DPDP) नियम 2025 को अधिसूचित कर दिया है। इसके साथ ही DPDP अधिनियम 2023 का पूरा कार्यान्वयन शुरू हो गया है। यह अधिनियम और इसके नियम मिलकर डिजिटल व्यक्तिगत डेटा के सुरक्षित और जिम्मेदार उपयोग के लिए एक सरल, नागरिक-केंद्रित और नवाचार को बढ़ावा देने वाला ढांचा तैयार करते हैं।
DPDP अधिनियम, जिसे 11 अगस्त 2023 को संसद द्वारा स्वीकृति मिली थी, देश में डिजिटल डेटा सुरक्षा के लिए एक व्यापक कानूनी ढांचा स्थापित करता है। यह अधिनियम डेटा प्रबंधित करने वाली संस्थाओं (Data Fiduciaries) की जिम्मेदारियों और व्यक्तियों (Data Principals) के अधिकारों और कर्तव्यों को स्पष्ट रूप से परिभाषित करता है। यह अधिनियम सात मुख्य सिद्धांतों पर आधारित है: सहमति और पारदर्शिता, उद्देश्य की सीमाएं, डेटा न्यूनीकरण, डेटा की सटीकता, भंडारण की सीमाएं, सुरक्षा उपाय, और जवाबदेही।
डाटा सुरक्षा बोर्ड पूरी तरह से डिजिटल होगा
नए नियमों के अनुसार, डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड (DPB) एक पूरी तरह से डिजिटल संस्था के रूप में कार्य करेगा। नागरिक एक विशेष ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और मोबाइल ऐप के माध्यम से अपनी शिकायतें दर्ज कर सकेंगे और उनकी स्थिति को ट्रैक कर सकेंगे। सरकार का कहना है कि यह प्रणाली पारदर्शिता, त्वरित कार्रवाई और उपयोगकर्ता की सुविधा को बढ़ाने के लिए बनाई गई है। DPB के निर्णयों के खिलाफ अपील TDSAT (ट्राईब्यूनल) में की जा सकेगी।
सरल और विश्वसनीय डेटा सुरक्षा प्रणाली
सरकार का कहना है कि DPDP अधिनियम और 2025 के नियम मिलकर देश में डेटा प्रबंधन के लिए एक स्पष्ट, सुरक्षित और तकनीकी रूप से उन्नत ढांचा प्रदान करते हैं। यह ढांचा नागरिकों की गोपनीयता की सुरक्षा के साथ-साथ डिजिटल नवाचार को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।