डायबिटीज का बढ़ता खतरा: 2050 तक 13% जनसंख्या प्रभावित होने का अनुमान
डायबिटीज, जिसे मधुमेह भी कहा जाता है, अब एक वैश्विक स्वास्थ्य संकट बनता जा रहा है। भारत में इस बीमारी के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है, जिससे यह देश विश्व में दूसरे स्थान पर है। एक नई रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में हर 9 सेकंड में एक व्यक्ति की मौत डायबिटीज के कारण हुई। अनुमान है कि 2050 तक, दुनिया की 13% जनसंख्या इस बीमारी से प्रभावित होगी। जानें भारत की स्थिति और भविष्य की चुनौतियों के बारे में इस विस्तृत रिपोर्ट में।
Dec 19, 2025, 11:54 IST
डायबिटीज का वैश्विक संकट
डायबिटीज की बीमारी भारत ही नहीं कई देशों के लिए भी खतरा बनता जा रहा है.
मधुमेह, जिसे हम डायबिटीज के नाम से जानते हैं, अब भारत सहित कई देशों के लिए गंभीर समस्या बनती जा रही है। पिछले 25 वर्षों में, भारत में इस बीमारी के मामलों में लगभग तीन गुना वृद्धि हुई है। वर्तमान में, भारत में डायबिटीज के मरीजों की संख्या में वृद्धि के कारण यह देश विश्व में दूसरे स्थान पर है, जबकि वैश्विक स्तर पर लगभग 600 मिलियन लोग इस बीमारी से प्रभावित हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में हर 9 सेकंड में एक व्यक्ति की मौत डायबिटीज के कारण हुई।
इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन (IDF) द्वारा जारी डायबिटीज एटलस (2025) में अनुमान लगाया गया है कि अगले 25 वर्षों में यह समस्या और भी गंभीर हो जाएगी। आंकड़ों के अनुसार, 2024 में 20 से 79 वर्ष की आयु के बीच 589 मिलियन लोग इस बीमारी से ग्रसित थे, और 2050 तक यह संख्या बढ़कर लगभग 853 मिलियन हो जाएगी।
डायबिटीज का वैश्विक प्रभाव
हर 9 में से एक व्यक्ति डायबिटीज से प्रभावित
रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में 20 से 79 वर्ष की आयु के बीच हर 9 में से एक व्यक्ति इस बीमारी से पीड़ित है। यह संख्या लगातार बढ़ रही है, और 2050 तक 853 मिलियन तक पहुँचने का अनुमान है। इस बीमारी के बढ़ने से अर्थव्यवस्था पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है, जिसमें लगभग एक ट्रिलियन डॉलर खर्च किए गए हैं। पिछले 17 वर्षों में इस पर खर्च में 338% की वृद्धि हुई है।
डायबिटीज के कारण होने वाली मौतों की संख्या भी बढ़ रही है। 2024 में, इस बीमारी से 34 लाख लोगों की मौत हुई, जो हर 9 में से एक व्यक्ति की मृत्यु का कारण बनी।
क्षेत्रवार स्थिति
पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में सबसे अधिक मरीज
वैश्विक स्तर पर, पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में 215 मिलियन लोग डायबिटीज से प्रभावित हैं, जिसमें चीन सहित 37 देश शामिल हैं। इसके बाद दक्षिण-पूर्व एशिया का स्थान है, जहां 107 मिलियन लोग इस बीमारी से जूझ रहे हैं।
मध्य-पूर्व और उत्तरी अफ्रीका में 85 मिलियन, यूरोप में 66 मिलियन, उत्तरी अमेरिका और कैरेबियन में 56 मिलियन, और दक्षिण और मध्य अमेरिका में 35 मिलियन लोग डायबिटीज से प्रभावित हैं। अफ्रीका में सबसे कम 25 मिलियन मरीज हैं।
भारत की स्थिति
भारत में हर 7 में से एक व्यक्ति डायबिटीज का शिकार
भारत में, हर 7 में से एक डायबिटीज मरीज है। 2024 में, 20 से 79 वर्ष की आयु के बीच लगभग 89.8 मिलियन लोग इस बीमारी से ग्रसित थे। यदि यह वृद्धि इसी दर से जारी रही, तो 2050 तक यह संख्या 156.7 मिलियन तक पहुँच जाएगी।
2000 में, भारत में डायबिटीज के मरीजों की संख्या 32.7 मिलियन थी, जो 2011 में बढ़कर 61.3 मिलियन, 2024 में 89.8 मिलियन और 2050 में 156.7 मिलियन हो जाएगी।
क्षेत्रीय योगदान
दक्षिण-पूर्व एशिया में भारत का योगदान
दक्षिण-पूर्व एशिया में डायबिटीज के मामलों में भारत का योगदान 80% से अधिक है। 2024 में, इस क्षेत्र में कुल 107 मिलियन लोगों में से 89.8 मिलियन वयस्क भारत में थे।
अनुमान है कि इस क्षेत्र में डायबिटीज वाले वयस्कों की संख्या में 73% की वृद्धि होगी, जो 2050 तक 184.5 मिलियन तक पहुँच जाएगी।
भविष्य की चुनौतियाँ
2050 तक पाकिस्तान तीसरे स्थान पर
लैंसेट डायबिटीज एंडोक्राइन 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में डायबिटीज मरीजों की संख्या कुल जनसंख्या का 11.11% थी। 2050 तक, यह संख्या 850 मिलियन से अधिक हो जाएगी।
चीन में सबसे अधिक 148 मिलियन मरीज हैं, इसके बाद भारत का स्थान है। अमेरिका तीसरे और पाकिस्तान चौथे स्थान पर है। 2050 में, पाकिस्तान तीसरे स्थान पर पहुँच जाएगा।