ठाणे में लोकल ट्रेन से गिरने से चार की मौत, सुरक्षा पर उठे सवाल
घटना का विवरण
सोमवार की सुबह, महाराष्ट्र के ठाणे जिले में एक व्यस्त समय के दौरान चलती लोकल ट्रेन से गिरकर चार लोगों की जान चली गई, जिसमें एक राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) कांस्टेबल भी शामिल था। इस घटना में छह अन्य लोग घायल हुए हैं। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह घटना दिवा और कोपर रेलवे स्टेशनों के बीच उस समय हुई जब ट्रेन कसारा की ओर बढ़ रही थी। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि यह संभवतः भीड़भाड़ वाली दो ट्रेनों के पायदान से लटके यात्रियों और उनके सामान के टकराने के कारण हुआ।
सरकारी प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि रेलवे प्रशासन घटना की जांच कर रहा है। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने घटना पर दुख व्यक्त किया और पीड़ितों के परिवारों की सहायता के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया। उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि यह घटना उपनगरीय रेलवे प्रणाली में भीड़भाड़ और यात्रियों की सुरक्षा पर ध्यान देने की आवश्यकता को उजागर करती है।
घटनास्थल की जानकारी
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि कम से कम 10 यात्री चलती ट्रेन से गिरे। कसारा जा रही एक अन्य ट्रेन के गार्ड ने घटना की सूचना रेलवे अधिकारियों को दी। सभी घायलों को कलवा के सरकारी अस्पताल में ले जाया गया, जहां चार को मृत घोषित किया गया। मृतकों की पहचान केतन सरोज, राहुल गुप्ता, मयूर शाह और जीआरपी कांस्टेबल विकी मुखीयाद के रूप में हुई है।
सुरक्षा उपायों की आवश्यकता
शरद पवार ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए मध्य रेलवे प्रशासन से अपील की कि वे भीड़भाड़ को देखते हुए लोकल ट्रेनों में स्वचालित दरवाजे लगाने जैसे उपाय करें। उन्होंने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम तुरंत उठाए जाने चाहिए। पवार ने यह भी बताया कि हर दिन औसतन छह से सात यात्री लोकल ट्रेनों से गिरकर मरते हैं, और यह बढ़ती भीड़ का मुख्य कारण है।
रेल मंत्रालय की पहल
रेल मंत्रालय ने मुंबई उपनगरीय क्षेत्र के लिए सभी मौजूदा और नई लोकल ट्रेनों में स्वचालित दरवाजे लगाने का निर्णय लिया है। रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह निर्णय ठाणे जिले में हुई इस दुखद घटना के बाद लिया गया है। सभी डिब्बों को फिर से डिजाइन किया जाएगा ताकि सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।