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ठाणे में जासूसी के आरोप में इंजीनियर को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया

ठाणे की अदालत ने जासूसी के आरोप में गिरफ्तार मैकेनिकल इंजीनियर रविंद्र वर्मा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। वर्मा पर आरोप है कि उसने पाकिस्तान को संवेदनशील जानकारी साझा की। एटीएस ने दावा किया है कि वर्मा ने जानबूझकर कई बार गोपनीय जानकारी दी और इसके बदले में पैसे प्राप्त किए। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और वर्मा की गिरफ्तारी के पीछे की कहानी।
 

जासूसी के आरोप में गिरफ्तारी

महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक अदालत ने जासूसी के मामले में गिरफ्तार किए गए मैकेनिकल इंजीनियर रविंद्र वर्मा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया है। वर्मा पर आरोप है कि उसने पाकिस्तान को युद्धपोतों और पनडुब्बियों से संबंधित संवेदनशील जानकारी दी।


गिरफ्तारी की जानकारी

रविंद्र वर्मा (27) को पिछले सप्ताह आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने गिरफ्तार किया था। वह एक रक्षा प्रौद्योगिकी कंपनी में कार्यरत था और ठाणे के कलवा क्षेत्र का निवासी है। उसे रिमांड अवधि समाप्त होने पर अदालत में पेश किया गया।


पुलिस की कार्रवाई

वर्मा के वकील राजहंस गिरासे ने बताया कि पुलिस ने हिरासत में रखने का अनुरोध नहीं किया, जिसके बाद अदालत ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया। एटीएस ने आरोप लगाया है कि वर्मा ने स्केच, चित्र और ऑडियो संदेशों के माध्यम से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी को संवेदनशील जानकारी दी और इसके बदले में विभिन्न बैंक खातों से पैसे प्राप्त किए।


गोपनीय जानकारी का खुलासा

पुलिस के अनुसार, वर्मा को फेसबुक पर एक पाकिस्तानी एजेंट द्वारा फंसाया गया था, जिसने उसे गोपनीय जानकारी देने के लिए प्रेरित किया। जांच में यह सामने आया कि वर्मा ने जानबूझकर कई बार संवेदनशील जानकारी साझा की। एटीएस का दावा है कि वर्मा को भारत और विदेशों के विभिन्न बैंक खातों से पैसे मिले।


रक्षा प्रौद्योगिकी में कार्यरत

चूंकि वर्मा एक रक्षा प्रौद्योगिकी कंपनी में काम करता था, उसे दक्षिण मुंबई के नौसेना डॉकयार्ड तक पहुंच प्राप्त थी। वह नौसेना के जहाजों और पनडुब्बियों पर भी जाता था। एटीएस को संदेह है कि उसने पाकिस्तानी एजेंटों को पनडुब्बियों और युद्धपोतों के नाम भी बताए।