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ठाणे में चिकित्सक पर हमले के दोषी को मिली सात साल की सजा

ठाणे की अदालत ने एक महिला चिकित्सक पर हमले और लूट के दोषी को सात साल की सजा सुनाई है। इस फैसले को चिकित्सकों के खिलाफ हिंसा के खिलाफ एक मजबूत संदेश माना जा रहा है। दोषी पर 20,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। घटना के दौरान चिकित्सक गंभीर रूप से घायल हुई थीं, और अदालत ने सजा सुनाते समय अपराध की गंभीरता को ध्यान में रखा। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और अदालत के आदेश के पीछे की वजह।
 

अदालत का कड़ा संदेश

ठाणे की एक अदालत ने 2021 में एक महिला डॉक्टर पर हमले और लूट के मामले में दोषी ठहराए गए व्यक्ति को सात साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने इस फैसले को चिकित्सकों के खिलाफ होने वाली हिंसा के खिलाफ एक मजबूत संदेश के रूप में देखा है।


दोषी पर जुर्माना

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वसुधा भोसले ने 31 अक्टूबर को दिए गए आदेश में दोषी राशिद शकील खान (56) पर 20,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। इस आदेश की एक प्रति शनिवार को जारी की गई।


घटना का विवरण

अतिरिक्त लोक अभियोजक आर पी पाटिल ने अदालत को बताया कि खान ने 3 जनवरी 2021 को कोरोना वायरस महामारी के दौरान आरटी-पीसीआर जांच के बारे में जानकारी लेने के बहाने भायंदर में डॉ. गायत्री नंदलाल जायसवाल के क्लिनिक में प्रवेश किया। उसे इंतजार करने के लिए कहा गया, लेकिन वह नाराज होकर वहां से चला गया।


हमला और लूट

कुछ समय बाद, खान वापस आया और चिकित्सक पर अचानक हमला कर दिया। पाटिल ने बताया कि खान ने चिकित्सक के सिर पर लोहे के हथौड़े से कई बार प्रहार किया। जब चिकित्सक गंभीर रूप से घायल होकर खून से लथपथ पड़ी थीं, तब खान ने उनकी सोने की चेन, एक अंगूठी, एक मोबाइल फोन और 5,000 रुपये नकद चुरा लिए।


कानूनी कार्रवाई

आरोपी को भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं और चिकित्सा पेशेवरों के खिलाफ हिंसा की रोकथाम अधिनियम, 2019 के तहत दोषी ठहराया गया। अदालत ने कहा कि शिकायतकर्ता को लगी चोटें गंभीर श्रेणी में आती हैं। न्यायालय ने सजा सुनाते हुए कहा कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए एक उदाहरण प्रस्तुत करने वाली सजा आवश्यक है, ताकि पीड़िता को न्याय मिल सके और दूसरों को ऐसे अपराध करने से रोका जा सके।


जुर्माने का वितरण

अदालत ने निर्देश दिया कि जुर्माने की राशि में से 10,000 रुपये चिकित्सक को दिए जाएं। अभियोजक ने बताया कि खान के खिलाफ आरोप साबित करने के लिए अभियोजन पक्ष ने 14 गवाहों से पूछताछ की।